Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली अप्रत्याशित हार से क्षुब्ध पार्टी नेताओं ने अब फैसला लिया है कि देश में केवल दिल्ली और पंजाब पर ही पूरा ध्यान केंद्रित कर पार्टी को मज़बूत किया जाएगा.
दिल्ली में सरकार बनाने के बाद से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने परे देश में 434 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे, जिनमें पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे. पार्टी के सभी प्रमुख नेता केजरीवाल, आशुतोष, शाजिया इल्मी, कुमार विश्वास और योगेंद्र यादव सहित सभी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा, बल्कि आधे से ज्यादा उम्मीदवारों की तो ज़मानत भी जब्त हो गई. पार्टी के केवल चार प्रत्याशी पंजाब में ही अपनी जीत दर्ज करा पाए, जिनमें मशहूर कोमेडियन भगवतमान भी शामिल हैं.
विशेष सूत्रों के अनुसार पार्टी नेताओं की यह आम राय बनी है कि पार्टी को अभी केवल अपना ध्यान दिल्ली और पंजाब पर केंद्रित करना चाहिए ताकि इन दोनों राज्यों में पार्टी के मज़बूत होने के बाद ही अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार किया जाए.
गौरतलब है कि दिल्ली के साथ-साथ इससे सटे हरियाणा और महाराष्ट्र राज्य में भी विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होने वाले है. पार्टी चाहती है कि दिल्ली में पुन: विजय पताका फैहराया और पंजाब विधानसभा के चुनाव होने के पूर्व ही हरियाणा में भी अपना कुछ आधार बना ले ताकि पंजाब में पार्टी समर्थित मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा किया जा सके.
सुत्रों के मुताबिक पार्टी के नेता दिल्ली की सत्ता को छोड़कर देशभर में लोकसभा चुनाव लड़ने को अपनी सबसे बड़ी गलती मान रहे हैं. नेताओं का मानना है कि पार्टी अगर दिल्ली में ही चुनाव लड़ती तो पार्टी की इतनी बुरी स्थिति नहीं होती.
विदित हो कि आम आदमी पार्टी ने देशभर में 434 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 421 की ज़मानत जब्त हो गई थी. पार्टी के देशभर में कुल चार उम्मीदवार ही जीत पाए है वो भी पंजाब राज्य से, वहीं पार्टी को 390 सीटों पर नोटा से भी कम वोट मिले है.