Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी अपने लगातार गिरते जनाधार को वापस पाने की जुगत में आप की छटपटाहट बढ़ गई है. पार्टी अपने धरना प्रर्दशन की नीति पर वापस आने को विचार कर रही है. दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए एक बार फिर आप पार्टी बिजली पानी को मुद्दा बनाकर आदोंलन करने की रणनीति बना रही है.
दिल्ली विधानसभा चुनावों में 28 सीट दर्ज करने वाली आप पार्टी ने चुनाव से पहले भी कुछ इसी तरह से दिल्ली-वासियों का दिल जितने में कामयाबी हासिल की थी. कुछ वैसा ही करके आप दौबारा से दिल्ली में अपनी खोई पैठ बनाना चाह रही है.
आम आदमी पार्टी ने इसके लिए एक खास रणनीति तैयार की है. जिसमें केजरीवाल की टीम ने राजधानी के लोगों को मैसेज भेजना शुरु किया है. जिसमें वह सरकार के 49 दिन के कार्यो को समझा रहे हैं. साथ ही पार्टी ने मैसेज के अलावा अपने विधायकों को अपनी विधानसभा में डोर टू डोर जाने और लोगों से मिलकर उनकी समस्यों को सुनने के लिए कहा गया है.
आप सुत्रों की माने तो यह मैसेज़ द्वारा प्रचार का सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक दिल्ली के एक एक व्यक्ति के पास यह मैसेज नहीं पहुंच जाता है. सुत्रों के अनुसार आप पार्टी दिल्ली की जनता को बताएगी कि जब से भाजपा की सरकार आयी है तब से दिल्ली में बिजली पानी की समस्या बहुत बढ़ गई है. अगर एक दो दिन में बिजली की समस्या ठीक नहीं होती है, तो पार्टी जल्दी ही अपने विधायकों को अपने अपने इलाके में आंदोलन खड़ा करने के लिए कह सकती है.
मालूम हो कि पार्टी पिछले तीन दिन से बिजली की मांग कर रही है. पार्टी का कहना है कि दिल्ली भाजपा की कमान सीधे तौर पर नरेन्द्र मोदी के हाथ में है, इसलिए दिल्ली से चुने हुए सभी सांसदों को इस मुद्दें को लेकर जल्द ही क़दम उठाने चाहिए.
आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह फैसला दिल्ली की बेकार योजना को दर्शता है. पार्टी ने मांग की है कि दिल्ली में जल्द ही बिजली व पानी के मुद्दें को सुलझाना चाहिए. अन्यथा केन्द्र सरकार हमारा आन्दोलन झेलने को तैयार रहे.