Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
जामिया नगर में घुसने से पहले ही सावधान हो जाईए… इस बेहद घनी आबादी वाले मुहल्ले की तंग गलियों व सड़कों पर मौत के ट्रांसफर्मर रखे हुए हैं. नंगी आंखों के सामने प्रशासन के नाक के नीचे इंतज़ार सिर्फ एक दुर्घटना का है, जिससे शायद कुछ वक्त के लिए ही सही प्रशासन की आंख खुल जाए. और ऐसा लगता है कि खुद प्रशासन के अधिकारी अपनी नींद टूटने की खातिर ऐसे ही किसी हादसे का इंतज़ार कर रहे हैं.
बटला हाउस बस स्टैण्ड से जैसे ही आप बटला हाउस चौक की तरफ जाएंगे तो ठीक कब्रिस्तान के गेट के सामने ही सड़क पर ट्रांसफर्मर रखा हुआ मिलेगा. इस ट्रासंफर्मर के रहने की वजह से मुख्य रोड का लगभग 50 फीसदी रास्ता ब्लॉक है. और इसके ही कारण यहां हर समय जाम लगा रहना एक आम बात है. ट्रासंफर्मर के रहने की वजह से कई लोग अपने दुकानों के लिए नाजायज कब्जा करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.
जैसे ही इस सड़क से आप कुछ दूर आगे बढ़ेंगे तो रास्ते में आपको एक और ट्रांसफर्मर सड़क पर ही रखा हुआ मिलेगा. यहां भी ठीक वही हाल है, जैसा हमने उपर बताया है.
कहानी यहीं खत्म नहीं होती. इससे आगे जैसे ही बटला हाउस चौक की ओर बढ़ेंगे तो ठीक बटला चौक पर भी एक ट्रांसफर्मर सड़क के किनारे रखा हुआ मिलेगा. और यहां इसके वजह से इतना भयंकर जाम लगता है कि उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. उससे भी हैरान कर देने वाली गंभीर बात यह है कि इसी ट्रासंफर्मर के अंदर लड़कियों को महंदी लगाने का काम बेरोक-टोक जारी है.
बटला हाउस चौक के ही करीब के गर्ल्स स्कूल के पास भी एक ट्रांसफर्मर रखा हुआ है. जिसमें आए दिन आग लगने की घटना होती रहती है. यहां भी सब्जी बेचने का काम बेरोक-टोक जारी है. और हर समय यहां जाम लगा रहना एक आम बात है.
बटला हाउस से आगे आप जब जाकिर नगर की ओर बढेंगे तो वहां भी यही हाल है. सड़क पर रखा ट्रांसफर्मर किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है. ज़ाकिर नगर में अंदर जब गढ्डा कॉलोनी की ओर जाएंगे तो ठीक सड़क पर रखा ट्रांसफर्मर भी किसी के मौत का इंतज़ार करता मिलेगा. ट्रांसफर्मर की लगी जाली पूरी से टूट चुकी है. और बच्चे यहां दिन-रात खेलते हुए मिलेंगे. कई बार बच्चे इसके अंदर भी चले जाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ट्रांसफर्मर में एक बार ब्लास्ट भी हो चुका है.
यह कहानी सिर्फ बटला हाउस या जाकिर नगर का ही नहीं है. बल्कि जामिया नगर के बाकी इलाकों में भी सड़क पर रखे ट्रांसफर्मर किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहे हैं. शाहीन बाग की कहानी तो और भी गंभीर है. यहां तो मदर डेयरी के करीब एक ट्रांसफर्मर ठीक बीच सड़क पर ही रखा हुआ है. जिसकी वजह से इस सड़क से लोगों का आना-जाना दुश्वार है.
इसको लेकर इलाके में कई बार विरोध भी हुआ है. आम आदमी पार्टी से जुड़े इलाके के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हामिद अख्तर इसको लेकर प्रशासन से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा.
हामिद अख्तर बताते हैं कि सड़क पर ट्रांसफर्मर का रहना किसी भी लिहाज से सही नहीं है. अक्सर ट्रांसफर्मर में ब्लास्ट होता रहता है. अभी कुछ दिन पहले ही कुछ बच्चे ट्रांसफर्मर के चबुतरे पर चढ़कर खेल रहे थे, उसी समय अचानक ट्रांसफर्मर में ब्लास्ट हो गया. अल्लाह का शुक्र है कि बच्चों को कुछ हुआ नहीं.
वो बताते हैं कि उन्होंने इस समस्या को लेकर बीएसईएस कमिश्नर, एसडीएम और स्थानीय प्रशासन से कई बार लिखित रूप में शिकायत कर चुके हैं. लेकिन अभी तक प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है.
हैरान करने वाली बात यह है कि डरी-सहमी जनता शिकायत कर रही है, गुज़ारिश कर रही है, फरियाद कर रही है, लेकिन प्रशासन के पलकें तक नहीं झपक रही हैं. BeyondHeadlines समय रहते आगाह कर रहा है, क्योंकि सवाल इस इलाके में रह रही मासूम ज़िन्दगानियों का है.
