Health

डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एम्स में सात वर्षीय मासूम की मौत

Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines

नई दिल्ली : बिहार के जिला मधुबनी, ग्राम चुनन पुरा निवासी अपने सात वर्षीय पुत्र विधा सागर का बिहार के दरभंगा स्थित एक सरकारी अस्पाताल में ईलाज करा रहे थे, लेकिन काफी दिनों तक विधा सागर की हालत में सुधार ना होता देख वहां डाक्टरों ने विधा के परिजनों को दिल्ली के एम्स अस्पताल में ले जाने की सलाह दी.

उम्मीदों के साथ एम्स पहुंचे विधा के परिजनों को पांच माह तक विधा के लिए बेड ही नहीं मिला. पांच महीनों के बाद काफी मशक्कत करने पर बेड मिल गया तो परिजनों को कुछ उम्मीद जगी. लेकिन विधा के पिता मनोज कुमार के अनुसार 2 जून की सुबह दस बजे विधा की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. वहां स्थित नर्सों ने सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक डॉक्टर को तबीयत ज्यादा खराब होने की सूचना दी, लेकिन मौके पर कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा. विधा की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए दिन भर डॉक्टरों को बुलाने को सिलसिला चलता रहा, लेकिन किसी भी डॉक्टर के ना आने के कारण से लगभग साढे पांच बजे के आसपास विधा की मौत हो गई.

विधा सागर के पिता मनोज कुमार ने बाताया कि पहले पांच महीने तक बेड का इंतजार करना और अब बेटे की मौत से अब वह टूट चुके हैं. सारा परिवार बेहद दुखी हैं. उन्होंने बताया कि देश भर में एम्स अस्पताल अच्छे ईलाज के लिए जाना जाता है, लेकिन हमारे परिवार के लिए तो यह एक बुरे सपने जैसा है.

उन्होंने बताया कि अगर डॉक्टरों ने विधा सागर को समय पर देखा होता तो वह बच जाता. वहीं एम्स के अधिकारियों से बात की तो कोई ठीक से जवाब नहीं दे पाए. हमने विधा के इलाज कर रहे डॉक्टर से सम्पर्क किया तो गलत नंबर बताकर फोन ही काट दिया गया.

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