Exclusive

कितने लोगों को जेड श्रेणी की सुरक्षा?

Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

भारत में कितने लोगों को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है? अगर आप ये जानना चाहते हैं तो शायद आपको यह जानकारी न मिल पाए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत ये जानकारी देने से इंकार कर दिया है.

वेलफेयर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. क़ासिम रसूल इलियास ने आरटीआई के ज़रिए गृह मंत्रालय से यह जानने की कोशिश की थी कि इस देश में कितने लोगों को ‘जेड प्लस सुरक्षा’ हासिल है और उनके नाम क्या हैं?

आरटीआई के इस सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय का स्पष्ट तौर पर कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा धमकी के व्यापक आंकलन के आधार पर किसी व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान की जाती है. इस संबंध में आगे विवरण को सूचना के अधिकार की धारा- 24(1), 8(1)(g) और 8(1)(j) के तहत यह सूचना नहीं दी जा सकती.

स्पष्ट रहे कि सूचना के अधिकार की धारा- 8(1)(g) यह कहती है कि ऐसी सूचना आपको नहीं मिल सकती, जिसके प्रकटन से किसी व्यक्ति के जीवन या भौतिक सुरक्षा को खतरा हो, अथवा सूचना के ऐसे स्रोत की पहचान या कानून को लागू करने अथवा सुरक्षा प्रयोजनों के लिए विश्वास में दी गई जानकारी का पता चल जाने का अंदेशा हो.

वहीं धारा- 8(1)(j) के मुताबिक आपको ऐसी सूचना नहीं मिलेगी जिसका किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है, या जिससे किसी व्य क्ति की निजता का अवांछित अतिक्रमण होता है. धारा 24 भी खुफिया सूचना को देने से रोकता है.

लेकिन यही धारा यह भी कहती है कि अगर मामला बड़ी संख्या में लोगों के हित से जुड़ा हुआ है तो वैसी सूचना अधिकारी को उपलब्ध कराना होगा.

अपनी आरटीआई में डॉ. इलियास ने यह भी पूछा था कि पिछले पांच सालों में लोगों को ‘जेड प्लस सुरक्षा’ देने पर कितना खर्च हुआ. इस सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय का कहना है कि ‘जेड प्लस सुरक्षा’ देने की प्रक्रिया में केन्द्र व राज्य सरकारों की कई एजेंसियां शामिल होती हैं, इसलिए खर्च बता पाना मुश्किल है और हमारे दफ्तर में इसका कोई हिसाब-किताब भी नहीं रखा जाता है.

हालांकि सच्चाई यह है कि फिछली सरकार पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामें में यह बता चुकी है कि देश की राजधानी में वीआईपी सुरक्षा पर हर साल तकरीबन 341 करोड़ का खर्च हो रहा है. यही नहीं, गृह मंत्रालय ‘जेड प्लस सुरक्षा’ पाने वालों की सूची भी कोर्ट को सौंप चुकी है.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के आरोपी भाजपा नेता संगीत सोम को हाल ही में जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. लेकिन ऐसे कितने और लोगों को ये सुरक्षा दी गई है और इस पर कितना खर्च किया जा रहा है ये जानकारी सरकार सार्वजनिक नहीं कर रही है.

स्पष्ट रहे कि सोम के बाद अब दंगे के दूसरे आरोपी सुरेश राणा ने भी यूपी सरकार से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. फिलहाल सुरेश राणा को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है. इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी गृह मंत्रालय ने ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दी है. एक आंकलन के मुताबिक इस सुरक्षा पर गृह मंत्रालय हर महीने साढ़े तीन से 4 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]