Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
सरकार देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों को टैक्स में छूट देती है. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां अब तक खुद को जनता के प्रति जबावदेह बताने से कतराती रहीं हैं. खुद को आरटीआई के दायरे में लाने से साफ इंकार कर दिया. लेकिन इसी आरटीआई से जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है, वो बेहद चौंका देने वाली है.
आरटीआई से हासिल महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताते हैं कि 10, डॉ. बी.डी. मार्ग जहां नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का शानदार ऑफिस है, उसका मासिक किराया मात्र 1565 रूपये हैं. 4, जी.आर.जी. रोड पर बसपा कार्यालय का किराया मात्र 1565 रूपये ही है. एबी-4, पुराना किला रोड पर सीपीआई के दफ्तर का किराया भी 1835 रूपये है. शायद ही दिल्ली में इतने सस्ते में आपको एक कमरा भी कहीं किराये पर मिल सके.
सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा भी सस्ते किराये पर ही अपना काम चला रहा है. भारतीय जनता पार्टी अपने दफ्तर 11 अशोक रोड का किराया मात्र 93,520 रुपये देती है. (पहले इसका किराया 66,896 रूपये था) इसके अलावा इसका दिल्ली प्रदेश का ऑफिस जो 14, पंडित पंत मार्ग पर है, जिसका किराया मात्र 26148 रूपये है.
कांग्रेस पार्टी अपने दफ्तर 24 अकबर रोड का मासिक किराया मात्र 74,509 रुपये देती है. पहले इसका किराया 42,817 रूपये हुआ करता था. इसके अलावा इसके पास 3 और दफ्तर हैं. 26 अकबर रोड का किराया मात्र 8632 रुपये है. पहले इसका किराया 3015 रूपये था. इसके अलावा 5 रायसीना रोड का किराया 50,794 रूपये (पहले इसका किराया 34,189 था)और CII/109, चाणक्यपूरी का किराया मात्र 15137 रूपये है. (पहले इसका किराया 8078 था).
18 कॉपरनिकस मार्ग पर समाजवादी पार्टी का दफ्तर है और इस दफ्तर का किराया सिर्फ 20,352 रूपये है. पहले इसका किराया 12138 रूपये था)
ज़रा सोचिए! दिल्ली में आज हजारों परिवार फुटपाथ पर जीवन जीने के लिए मजबूर है. उन्हें सर छिपाने के लिए दो गज़ ज़मीन भी उपलब्ध नहीं है और जनता के तथाकथित ‘खिदमतगार पार्टियां’ जनता के धन पर ऐश कर रहे हैं और पूरे थाट-बाट के साथ भव्य दफ्तरों में एसी की ठंडी हवाओं में आम आदमी के बजाए अपने घरों को भरने की योजना बना रहे हैं!
