‘सरकार’ की दवा पर कितना खर्च ?

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Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

केन्द्र सरकार ने पिछले पांच सालों के दौरान केन्द्रीय अधिकारियों के लिए 1262 करोड़ 53 लाख 11 हज़ार 936 रूपये की दवाएं सेन्ट्रल गवर्मेंट हेल्थ स्कीम के तहत खरीदी.

यह जानकारी आरटीआई के ज़रिए भारत सरकार के नई दिल्ली स्थित सेन्ट्रल गवर्मेंट हेल्थ स्कीम के मेडिकल स्टोर डिपो ने दी है.

दस्तावेज़ बताते हैं कि पिछले पांच सालों में सिर्फ दिल्ली में 2 करोड़ 07 लाख 87 हज़ार 145 रूपये की स्थानीय खरीद की गई है. 521 करोड़ 75 लाख 50 हज़ार 377 रूपये की लाईफ सेविंग मेडिसीन्स, 40 करोड़ 56 लाख 95 हज़ार 392 रूपये की इंसुलिन की डायरेक्ट खरीदारी और 526 करोड़ 18 लाख 18 हज़ार 816 रूपये की दवा पायलेट प्रोजेक्ट के तहत खरीदी गई हैं. तो वहीं 171 करोड़ 94 लाख 22 हज़ार 206 रूपये की दवा हॉस्पीटल सर्विस कंसल्टेंसी कारपोरेशन से ली गई है.

मुम्बई में भी 143.62 करोड़ की दवाएं केन्द्र सरकार स्वास्थ योजना के तहत खरीदी गई है. तो वहीं रांची में 12.27 करोड़, हैदराबाद में 36. 09 करोड़, कोलकाता में 173.92 करोड़, नागपूर में 7.70 करोड़, भुनेश्वर में 17.31 करोड़, जबलपूर में 81.20 करोड़, बंगलौर में 68.55 करोड़, शिलॉंग में 3.39 करोड़, चेन्नई में 111.30 करोड़, पुणे में 75.70 करोड़ और चंडीगढ़ में  22.33 करोड़ की दवाएं केन्द्र सरकार स्वास्थ योजना के तहत खरीदी गई हैं.

केन्द्र सरकार स्वास्थ योजना केंद्र सरकार के निकायों में कार्य कर चुके वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की स्वास्थ पर लागू होती है. सेवानिवृत्त‍ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की विधवाओं को भी इस योजना का लाभ मिलता है. यह योजना दिल्ली‍ पुलिस के कर्मचारियों, सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीशों, संसद सचिवों और उनके परिवारों पर भी लागू होती है. इसके अलावा, भूतपूर्व राज्य्पाल और भारत के भूतपूर्व उप-राष्ट्रतपति, अधिकृत पत्रकार भी केंद्रीय सरकार स्वास्थ योजना का लाभ हासिल कर सकते हैं.

1954 में यह योजना सिर्फ दिल्ली में ही शुरू की गई थी. लेकिन कुछ वर्षों के बाद यह इलाहाबाद, अहमदाबाद, बैंगलोर, भुवनेश्वर, भोपाल, चंडीगढ़, देहरादून, गुहाटी, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, लखनउ, मेरठ, रांची, शिलांग, त्रिवेन्द्रम, जम्मू, हैदराबाद, पुणे, नागपूर, जयपुर, जबलपूर और पटना जैसे नगरों में भी पहुंच गई है.

केंद्रीय सरकार स्वास्थ योजना एलोपैथिक और होम्योपैथिक प्रणालियों तथा चिकित्साक की परम्पररागत भारतीय पद्धतियों जैसे कि आयुर्वेद, यूनानी, योग और सिद्धा, के ज़रिए स्वास्थ सेवाएं प्रदान करती है. इस योजना के तहत तमाम चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

हाल के दिनों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने यह ऐलान किया है कि दिल्ली में एक सितंबर के बाद से वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्क परामर्श हेतु 20 केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) केंद्र शुरू किए जाएंगे. फिलहाल यह एक पायलट परियोजना है. इन केन्द्रों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवा सभी कार्य दिवसों पर दोपहर डेढ और तीन बजे के बीच उपलब्ध होगी. लेकिन उन्हें निशुल्क दवाएं नहीं दी जाएंगी, जो सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है.

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