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वाजपेयी और मालवीय को भारत रत्न देना स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान –रिहाई मंच

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ़ अंग्रेजों के गवाह बने अटल बिहारी बाजपेयी व देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे के संगठन हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने पर रिहाई मंच ने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

मंच ने कहा है कि बाजपेयी के अदालत में दी गई गवाही से देश भक्त स्वतंत्रता सेनानी लीलाधर बाजपेयी को सजा हो गई थी. जो कि भारत छोड़ो आंदोलन के सक्रिय सदस्य थे और बटेश्वर के रहने वाले थे.

रिहाई मंच ने एक कथित संगठन द्वारा मुलायम सिंह यादव को ’फादर ऑफ मुस्लिम’ और अखिलेश यादव को ’वायस एंड फ्रेंड्स ऑफ मुस्लिम’ कहने को समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीडि़तों के जख्मों पर नमक छिड़कना बताया है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि आजादी के लिए चल रहे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मध्य प्रदेश के बटेश्वर में हुए आंदोलन में अटल बिहारी बाजपेयी ने अग्रेजों के सरकारी गवाह के बतौर गवाही करके स्वतंत्रता सेनानियों को सजा दिलवायी थी. ऐसे में अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न देना स्वतंत्रता के दौरान शहादत देने वाले शहीदों का अपमान है.

वहीं हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देना हिन्दू महासभा के नाथू राम गोडसे द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या को जायज़ ठहराने की भाजपा सरकार की एक देशद्रोही कोशिश है.

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, जिनपर बाबरी मस्जिद को लेकर विवादित बयान और मालवीय जिनपर हिन्दू मुस्लिम समुदायों को भड़का कर सांप्रदायिक दंगो का आरोप है, को भारत रत्न देना भारत में सांप्रदायिक राजनीति को जायज़ ठहराने की एक फासिस्ट कोशिश है.

मोहम्मद शुऐब ने आगे कहा कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत की आजादी को अभी 100 साल भी नहीं हुए हैं और यहां की जनता यह अच्छी तरह से जानती है कि जिन हिन्दुत्ववादी नेताओं का भाजपा महिमा मण्डन कर रही है, वह हिन्दू मुस्लिम-एकता को तोड़कर अंग्रेजी साम्राज्यवाद का साथ दे रहे थे. ऐसी कुत्सित कोशिश को देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.

नागरिक परिषद के नेता रामकृष्ण ने कहा कि केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद जिस तरह से हिंदू महासभा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ती संसद व अन्य जगहों पर लगवाने की कोशिश कर रही है और उसके द्वारा बताया भी गया है कि गोडसे की मूर्ती बनकर उसके कार्यालय में रखी हुई हैं, ऐसे दौर में हिंदू महासभा के संस्थापक सदस्य मालवीय जैसे लोगों को भारत रत्न देना साफ कर देता है कि भाजपा देशद्रोही है. ऐसे सांप्रदायिक व फासिस्ट हिन्दुत्वादी नेताओं को भारत रत्न देना भारत और भारत रत्न सम्मान पर ही एक धब्बा होगा.

स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजी राज में गवाही देने वाले और नाथूराम गोडसे के साथियों को सम्मानित करना भाजपा के चाल चरित्र और चेहरे को स्पष्ट कर देता है. अच्छे दिनों के नारे का सार यही है.

आज़मगढ़ रिहाई मंच के नेता तारिक़ शफीक़ और अनिल यादव ने कहा है कि एक तथाकथित संगठन द्वारा मुलायम सिंह यादव को ’फादर ऑफ मुस्लिम’ और अखिलेश यादव को ’वायस एंड फ्रेंड्स ऑफ मुस्लिम’ कहलवाकर सपा मुसलमानों में अपनी छवि निर्माण करने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के बाद राहत शिविरों में नवजात शिशुओं की अप्राकृतिक मौत के जिम्मेदार मुलायम सिंह यादव को फादर ऑफ मुस्लिम कहना पितृ धर्म पर ही सवालिया निशान है. इस किस्म की घृणित राजनीति करने से सपा को बाज आना चाहिए, क्योंकि मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा में हुई हत्या, बलात्कार और बच्चों की अप्राकृतिक मौत का कलंक मुलायम और अखिलेश पर उसी तरह लगा रहेगा जैसे 2002 के मुस्लिम विरोधी जनसंहार का कलंक नरेन्द्र मोदी पर लगा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता देख रही है कि प्रदेश सरकार सांप्रदायिक हिंसा के दौरान हत्या करने वाले सांप्रदायिक तत्वों के जमानत का रास्ता साफ करती है. संगीत सोम और सुरेश राणा पर से रासुका न सिर्फ हटवाती है, बल्कि रिहाई मंच द्वारा संगीत सोम और सुरेश राणा पर सांप्रदायिकता फैलाने के आरोपों का एफआईआर तक दर्ज नहीं होने देती है.

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