Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
नेशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश के विभिन्न जेलों में 3044 क़ैदी ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी मुक़र्रर सज़ा काट ली है लेकिन जुर्माना न भर पाने की वजह से अभी भी जेलों में बंद हैं. इनमें 96 महिला क़ैदी हैं. पुरूष क़ैदियों की संख्या 2948 है.
यह संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश राज्य में है. यहां 1770 क़ैदी ऐसे हैं जिनकी तय सज़ा की मियाद पूरी हो चुकी है, पर अभी भी यह जेलों में बंद हैं.
स्पष्ट रहे कि पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जो लोग मुक़दमों का सामना कर रहे, अगर उस जुर्म के लिए निर्धारित सज़ा का आधा समय जेल में बिता चुके हैं. तो उन्हें रिहा कर दिया जाए.
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को इस काम को दो महीने में पूरा करने के निर्देश दिया है.
आंकड़ें बताते हैं कि साल 2013 में 13,95,994 अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा किया गया. इन्हें रिहा कर देने के बाद अब भी 2,78,503 क़ैदी यानी 67.6 फीसदी अभी भी अंडर ट्रायल हैं. यही नहीं, 3,113 लोगों को सिर्फ शक की बुनियाद पर गिरफ्तार किया गया है.