BeyondHeadlines News Desk
नई दिल्ली : ‘भगत सिंह के साथी’ संगठन और अन्य छात्र युवा संगठनों ने आज योग और सूर्य नमस्कार की राजनीति के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. इन संगठनों के कार्यकर्ता 21 जून की सुबह शहीद भगत सिंह पार्क में एकत्र हुए और इंडिया गेट की तरफ प्रस्थान किया. पुलिस द्वारा आगे जाने की अनुमति नहीं दिये जाने पर उन्होंने वहीं आईटीओ पर धरना दिया और विरोध व्यक्त किया.
अपने संबोधन में वक्ताओं ने मोदी नीत एनडीए सरकार के विकास मॉडल पर सवाल उठाये. मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति कम होने के दावे कर रही है और फिर भी सभी अनिवार्य वस्तुओं के दामों में गत साल में 40 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हो गया है. एक हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है और अधिकतर किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं. उसके बाद भी मोदी सरकार भारतीय संस्कृति की महानता को महिमामंडित करते हुए योग दिवस का आयेाजन कर रही है. यह केवल सरकार की असंवेदनहीनता को ही नहीं दर्शाता है, बल्कि हिन्दुत्व को विश्व गुरू दिखाने के लिए उसके महिमामंडन की राजनीति को भी रेखांकित करता है. हम योग के खिलाफ नहीं हैं, परंतु योग के नाम पर मोदी सरकार की सरकारी योग की हिंदुत्व राजनीति का कड़ा विरोध करते हैं.
विरोध प्रदर्शन को समाप्त करते हुए महेश राठी ने मोदी-गेट काण्ड की निन्दा करते हुए कहा कि मोदी सरकार के सुष्मा स्वराज और वसुंधरा राजे को बर्खास्त करना किसी भी योगाभ्यास अधिक फलदायक कसरत होगी और उन्हें तुरंत वह करनी चाहिए.
धरने को महेश राठी, एस.के. राना, यूथ फेडरेशन के दिल्ली राज्य सचिव आनन्द शर्मा और छात्र नेता कुणाल सुमन, राजीव वर्मा, मुलायम सिंह कन्हैया सोनीपत और भगत सिंह के साथी संगठन के कलीमुद्दीन और अकरम के अलावा ट्रेड यूनियन नेता शिव दत्त ने भी संबोधित किया.