Aazaad Sohail for BeyondHeadlines
मैं सफलता हूँ
मैं एक शब्द हूँ
मेहनत के फलस्वरूप
अपेक्षाओं के अनुरुप
सच्चाई को समर्पित
त्याग को अर्पित
मैं जीत हूँ…
मैं विश्वास भी
उनका, जिनकी रातों की नींद
खुली कई बार अचानक
उठे हाथ जिनके
दुआओं के लिए
मैं भाग्यवश हूँ
या गलती से प्राप्त
या फिर मैं
सम्मान हूँ…
उन दुआओं का
अध् जगे रातों
की नींद का
या उन लोगों का
जो शायद सफल हैं
लेकिन
जो सफल हैं….
क्या वे रोते नहीं
क्या उनको तकलीफ़
नहीं होती है
यह एक सवाल है
इतना गंभीर भी नहीं
लेकिन मैं एक बात
कहूँगा खुद की
मैं क्षणिक हूँ, भ्रिंगुर भी
मैं मिर्गतृस्ना हूँ
मैं वास्तव में
एक स्थिती हूँ
निरंतर हूँ मैं
उनके लिए
जो अंधे गूंगे नहीं हैं
जो बहरे भी नहीं हैं
मैं मनुष्य की
उत्तम दशा का साथी हूँ
मनुष्य की उत्तम दशा….
जब मनुष्य को
मनुष्य से सुख मिलता हो
तब नहीं कि तुम मुझे
काग़ज़ के टुकड़ों
से झांक कर देखो
तुम मुझे देखना
बिना पर्दा के
बिना डर के
क्योंकि मैं सचमुच
तुम मैं हूँ, सब मैं हूँ
और मुझे तुम तक आने को
उन काग़ज़ की ज़रुरत नहीं
कुछ शब्द चाहिए
मेहनत, अपेक्षा, सच्चाई
त्याग, विश्वास, दुआएँ
अधजगे रातों की नींद
क्यूँकि मैं तो स्वयं एक शब्द हूँ
मैं सफलता हूँ…
मैं सफलता हूँ….
(कवि आज़ाद सुहैल एक स्वयंसेवी संस्था में कार्यरत हैं.)
