BeyondHeadlines News Desk
बीते अप्रैल में केंद्र सरकार बाघ के बजाय शेर को राष्ट्रीय पशु बनाने पर विचार कर रही है. इस ख़बर कई बाघ प्रेमी काफी परेशान थे. लेकिन अब आरटीआई से मिले दस्तावेज़ों ने यह कंफर्म कर दिया है कि देश में बाघ की ही बादशाहत क़ायम रहेगी.
यूपी की राजधानी लखनऊ की 13 वर्षीय ऐश्वर्या पाराशर को भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मिले अहम दस्तावेज़ों के मुताबिक फिलहाल राष्ट्रीय पशु की पदवी पर बाघ ही रहेगी.
ऐश्वर्या बताती हैं कि बीते अप्रैल में उन्होंने समाचार पत्रों में केंद्र सरकार द्वारा बाघ की बजाय शेर को राष्ट्रीय पशु बनाने पर विचार करने की ख़बरें पढ़ने के बाद वे भी व्यथित हो गयीं थीं. इसीलिये मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने बीते 4 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय में आरटीआई अर्जी लगाकर राष्ट्रीय पशु को बदलने की कार्यवाहियों के रिकॉर्ड की मांग की थी.
बीते 20 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय ने ऐश्वर्या की आरटीआई अर्जी को भारत के गृह सचिव को अंतरित किया था. बीते 17 जून को भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आधीन कार्यरत राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण ने इस बाल आरटीआई कार्यकर्ता को बताया है कि प्राधिकरण को राष्ट्रीय पशु बदलने के सम्बन्ध में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.
ऐश्वर्या की आरटीआई के खुलासे से उन अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है, जिनमें कहा गया था कि झारखंड से राज्यसभा सांसद परिमाल नाथवानी ने राष्ट्रीय पशु को बाघ से बदलकर शेर को बनाने का एक प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय के अधीन काम करने वाले ‘नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ’ को भेजा था और मंत्रालय ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई थी.