India

लाश थाने में मिली तो पिता कैसे हो सकता है चश्मदीद?

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : दो दिन पूर्व उत्तर प्रदेश में सीतापुर ज़िले की मेहमूदाबाद थाने के शौचालय में एक महिला की लाश मिली थी. पुलिस का कहना था कि लड़की ने आत्महत्या किया है. लेकिन मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस झूठ बोल रही है. इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए. लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उग्र प्रदर्शन भी किया. इस दौरान  पुलिस पर पथराव भी हुआ और गोलियां भी चली, जिसमें एक युवक की मौत हो गई तथा पुलिस अधीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए.

इस पूरे मामले में आज रिहाई मंच ने एक प्रेस बयान के ज़रिए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि अखिलेश यादव सरकार न सिर्फ कानून और व्यवस्था के मामले में फेल हो चुकी है, बल्कि वह अपने आपराधिक बलात्कारी पुलिस अमले का संरक्षण भी कर रही है. इस घटना ने एक बार यह फिर साबित कर दिया है कि अखिलेश यादव की पुलिस बेलगाम होकर हत्यारों का एक गिरोह बन चुकी है.

रिहाई मंच के मुताबिक यूपी पुलिस एक तरफ़ थाने के भीतर हत्या करती है तो दूसरी ओर इंसाफ़ की मांग कर रहे लोगों पर गोली भी चलाती है, जिसमें एक बेगुनाह युवक नदीम की मौत हो जाती है. दूसरी ओर अखिलेश यादव केवल और केवल मुआवजा बांट कर इंसाफ़ का क़त्ल करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं.

मंच ने कहा कि मुआवजा इंसाफ़ की लड़ाई को कभी दबा नहीं सकता है. अखिलेश यादव ने मुआवजे की पेशकश करके यह साबित कर दिया है कि वह पीडि़त परिवारों को इंसाफ़ नहीं दे सकते.

मंच ने महमूदाबाद पुलिस थाने में युवती की रेप के बाद हत्या के इस मामले में थाने पर तैनात पूरे स्टाफ सहित जिले के एसएसपी को तत्काल बर्खास्त कर हत्या का मुक़दमा दर्ज करते हुए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि पुलिस द्वारा यह कहना कि लड़की के पिता ने अपनी लड़की की आत्महत्या की बात को लिखित तौर पर मान लिया है, यह बात पूरी तरह से झूठ है. क्योंकि घटना के चश्मदीद पुलिस वाले हैं न कि लड़की के पिता. ऐसे में लड़की के पिता द्वारा यह कहना कि लड़की ने आत्महत्या की, यह पूरी तरह से झूठा और पुलिस के दबाव में दिया गया बेबुनियाद बयान है. क्योंकि वह घटना के चश्मदीद नहीं है.

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी गर्दन बचाने के लिए लड़की के पिता से जबरिया लिखवा लिया है. सीतापुर के महमूदाबाद पुलिस थाने में युवती के कथित आत्महत्या की पुलिसिया कहानी जिस तरह से सामने आई है, वह बेहद लचर, हल्की, अविश्वसनीय और गढ़ी गई मालूम होती है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि मृतका के जो फोटोग्राफ़ सामने आए हैं, जिसमें टॉयलेट में मृतका के दोनों पैर घुटने तक ज़मीन से छू रहे हैं और गले से फंदा लगा हुआ है, ऐसी स्थिति में आत्महत्या हो ही नहीं सकती. इन तस्वीरों के बाद पूरी पुलिसिया कहानी ही फर्जी साबित हो जाती है.

मुहम्मद शुऐब ने कहा कि महमूदाबाद की घटना की सच्चाई जानने के लिए रिहाई मंच की एक टीम घटनास्थल का दौरा करेगी और परिजनों तथा स्थानीय जनता द्वारा इंसाफ़ के लिए किए जा रहे उनके इस संघर्ष में साथ खड़ा होगा.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]