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7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के पहले ‘किसान आय आयोग’ बनाये सरकार

BeyondHeadlines News Desk

‘किसानों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को समाप्त करने की मंशा से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के पहले किसानों  की न्यूनतम आय सुनिश्चित करने के लिए  केंद्र सरकार को ‘प्रथम किसान आय आयोग’ गठित करना चाहिए.

ये बातें जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक योगेन्द्र यादव, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता युधवीर सिंह एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के संयोजक, किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्य्क्ष पूर्व विधायक डॉक्टर सुनीलम ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा.

आगे उन्होंने कहा की सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद न्यूनतम प्रति माह वेतन 18,000 हो जाएगा, जिसका लाभ लगभग एक करोड़ सरकारी कर्मचरियों को मिलेगा. जबकि देश की आवादी के 70% किसानों की मासिक आय नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर मासिक 6426 रुपये अर्थात प्रतिदिन 107 रुपये बनी हुई है, जो देश में लागू न्यूनतम मजदूरी 160 रुपया से भी कम है. इस तरह सरकारी कर्मचारी की न्यूनतम आय किसानों की तुलना में 54 गुना अधिक है.

किसान नेताओं ने कहा की –‘ऐसी स्थिति जब देश के 50 करोड़ किसान प्राकृतिक आपदा से पीड़ित है. 1995 के बाद लगभग 5 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. अधिकतर किसान क़र्ज़ में डूबे  हुए हैं तथा 40% किसान खेती छोड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे है. यह ज़रुरी है कि भारत सरकार संविधान प्रदत सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए किसान आय आयोग का गठन करें ताकि हर किसान परिवार की आय सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले न्यूनतम वेतन के बराबर सुनिश्चित की जा सके. किसान आय आयोग न्यूनतम आय निर्धरित करने के पहले हर किसान परिवार की आवश्यक ज़रूरतों के साथ-साथ खेती के लिए ज़रुरी खर्च को भी उसमे शामिल करे.

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