BeyondHeadlines News Desk
पटना : अविरल गंगा-निर्मल गंगा के लिए शहीद प्रोफ़ेसर जीडी अग्रवाल को पटना के गांधी घाट एनआईटी के पीछे घंटों पानी में रह कर यहां के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दिया और उनकी मांगों का ज़ोरदार समर्थन किया.
वक्ताओं ने कहा कि प्रोफ़ेसर जीडी अग्रवाल गंगा के लिए अनशन पर थे. 111वें दिन पुलिस उन्हें जबरन उठाकर एम्स ले गई और वहीं उनकी मृत्य हो गई. 111 दिनों में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को तीन बार चिट्ठी लिखी, मगर एक का भी जवाब नहीं आया.
इन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि, गंगा को अपनी माँ कह कर बनारस से चुनाव लड़ने वाले मोदी सत्ता में जाने के बाद अपनी माँ को भूल गए. उनकी असंवेदनशीलता अंग्रज़ों के शासन से भी बढ़ कर निकली. जिसके परिणाम में गंगा के मानस पुत्र की जान चली गई.
इनका कहना है कि, सिर्फ़ गंगा बेसिन में 795 छोटे और बड़े बांध गंगा की अविरलता को प्रभावित करते हैं तो नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं रहने व शहर और कारखानों को दूषित और गंदे पानी से गंगा में आज भी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार बंगाल तक किसी भी घाट पर गुणवत्ता मानकों के अनुरूप शुद्ध पीने वाला पानी नहीं बचा है.
गंगा में घंटों रहकर श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से गंगा मुक्ति आन्दोलन के नेता रहे प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता रणजीव कुमार, कोशी नव मंच एवं एनएपीएम से महेंद्र यादव, पुर्व आईएएस डॉ. एम.ए. इब्राहिमी, रुपेश, मणिलाल, मो. काशिफ़ यूनुस, उज्ज्वल कुमार, रजनीश कुमार, सत्यम मिश्रा, अजित सिंह, शशि कुमार, इरफ़ान अहमद फ़ातमी, अरविन्द श्रेयस्कर, विवेक कुमार, विजय कुमार चौधरी आदि लोग शामिल थे.