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जेल में आतंकवाद के आरोपी क़ैदियों पर हुए पुलिसिया हिंसक हमला, आज जारी हुई एक रिपोर्ट

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : ‘देश में आतंकवाद जैसे संवेदनशील मामले में भी जेल प्रशासन का व्यवहार साम्प्रदायिक मानसिकता से संचालित होता है. एक ही तरह के आरोप वाले क़ैदियों के दो समूहों के प्रति जेल प्रशासन का रवैया बिल्कुल अलग है. जयपुर सेंट्रल जेल की घटना के विपरीत असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और अन्य क़ैदियों के साथ वही जेल प्रशासन अतिथि जैसा व्यवहार करता है, जबकि अन्य के साथ दुश्मन देश के नागरिक जैसा…’

ये बातें आज उत्तर प्रदेश की सामाजिक-राजनीतिक संस्था रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा. बता दें कि आज लखनऊ में अवमेला और रिहाई मंच द्वारा जयपुर ब्लास्ट के आरोप में जयपुर सेन्ट्रल जेल में क़ैद आज़मगढ़ के मो. सैफ़, मो. सलमान, मो. सरवर और सैफुर्रहमान सहित आतंकवाद के नाम पर क़ैद अन्य बंदियों की निर्मम पिटाई पर एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की गई.

राजीव ने कहा कि इस घटना के दो सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तरफ़ से कोई अधिकारिक बयान जारी न होना घटना में शामिल जेल कर्मियों का उत्साह बढ़ाने जैसा है. उन्होंने कहा कि यह राजस्थान सराकर की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह जेल में क़ैद विचाराधीन क़ैदियों की सुरक्षा और उनके साथ क़ानून के अनुरूप व्यवहार को सुनिष्चित करे.

रिपोर्ट जारी करते हुए अवमेला अध्यक्ष डा. जावेद अख्तर ने कहा जेल में क़ैद बंदियों के रख-रखाव के लिए जेल मैनुअल का प्रावधान है और क़ैदियों के अधिकारों के जेनेवा कंवेन्शन पर भारत हस्ताक्षरकर्ता भी है. उसके बावजूद जयपुर सेंट्रल जेल में जिस तरह से जेल प्रशासन ने हिंसक हमला किया, उससे प्रतीत होता है कि जेल प्रशासन अपने को किसी क़ानून का पाबंद नहीं समझता. 

उन्होंने कहा कि मार-पिटाई की घटना के बाद बुरी तरह घायल बंदियों का समुचित इलाज नहीं करवाया गया जो बंदियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता था. जेल प्रशासन की यह उदासीनता क्रूरता की पराकाष्ठा है. 

मो. आसिम ने कहा कि जयपुर जेल में उत्पीड़न की घटनाएं पहले भी हुई हैं, लेकिन इस तरह की जघन्य घटना पिछले दस सालों में वहां नहीं हुई थी. क़ानून और लोकतंत्र की दुहाई देने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार के लिए यह शर्म की बात है. हमने विभिन्न स्तरों पर इस सम्बंध में पत्र लिखें हैं और हम इस मामले को उच्चतम स्तर पर उठाएंगे.

वहीं प्रतिनिधमंडल सदस्य शादाब अहमद ने कहा कि जेल की घटना विचलित कर देने वाली है. हम राजस्थान सरकार से मांग करते हैं कि वह मामले की समुचित जांच करवाकर दोषियों के ख़िलाफ़ उचित कार्यवाही करे. इस सिलसिले में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाक़ात करेगा. 

इस अवसर पर मसीहुद्दीन संजरी, विनोद यादव, मो. अरमान, बांकेलाल यादव, मो. कौसर, अवधेश यादव आदि उपस्थित थे.

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