BeyondHeadlines News Desk
नई दिल्ली: तब्लीग़ी जमाअत पर मीडिया ट्रायल के बाद जब अधिकतर मुस्लिम तंज़ीमें ख़ामोश नज़र आ रही हैं. तब जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने उसके समर्थन में अपना बयान जारी किया है. मुश्किल की इस घड़ी में ये तंज़ीम पूरी तरह से तब्लीग़ी जमाअत के साथ खड़ी नज़र आ रही है.
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अमीर यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने तब्लीग़ी जमाअत के ख़िलाफ़ मीडिया ट्रायल को गंदी राजनीति क़रार देते हुए इसे मानव पतन की इन्तहा और सबसे शर्मनाक अपराध बताया है. साथ ही कहा है, “हम इस मीडिया अभियान की निंदा करते हैं. हम सब तब्लीग़ी जमाअत और मरकज़ निज़ामुद्दीन के साथ हैं.”
उन्होंने कहा, “तब्लीग़ी जमाअत और मरकज़ निज़ामुद्दीन के ख़िलाफ़ मीडिया ट्रायल और सोशल मीडिया ट्रौल मानवीय पतन की पराकाष्ठा है. गंदी राजनीति और सांप्रदायिक भेदभाव के लिए इतने बड़े मानवीय संकट का उपयोग करना अपने आप में एक शर्मनाक अपराध है.”
उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि सिर्फ़ तब्लीग़ी जमाअत ही नहीं, बल्कि उस दौरान देश के हर कोने में बड़े धार्मिक और गैर-धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए. कई तो मशहूर राजनेताओं के संरक्षण में हुए. लेकिन इन सबको नज़रअंदाज़ कर सिर्फ़ मरकज़ निज़ामुद्दीन को ही निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है, आख़िर ऐसा क्यों? इस शर्मनाक अभियान की कड़ी निंदा की जानी चाहिए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ज़रिए मौलाना साद कांधलवी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर के हवाले से कहा कि, पहले उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जाना चाहिए, जिन्होंने तब्लीग़ी जमाअत के अधिकारियों के कई अनुरोधों के बावजूद कुछ भी नहीं किया. और जिनके अधिकारियों के कुप्रबंधन के कारण लाखों मज़दूरों को सड़क पर जमा होना पड़ा.
आगे उन्होंने कहा कि “इस अवसर पर मुस्लिम उलेमाओं व रहनुमाओं के उन बयानों को सामने लाना चाहिए जो इस महामारी की रोकथाम और इस वायरस से मुक़ाबला करने के लिए जारी किया गया है. उन कामों को भी उजागर करना चाहिए, जो मुसलमान बग़ैर किसी भेदभाव के हिन्दुस्तानी भाईयों व बहनों के लिए कर रहे हैं. और लोगों को विनम्रतापूर्वक इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित कराना चाहिए कि यह समय राजनीति का नहीं है, बल्कि एकजुट होकर इस कोरोना वायरस से मुक़ाबले का है.”