‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कहा, नहीं लगाने पर लिंचिंग की कोशिश

BeyondHeadlines News Desk
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पूर्वी चम्पारण: जहां एक तरफ़ पूरी दुनिया कोरोना वायरस से परेशान है, वहीं एक ख़ास विचारधारा से संबंध रखने वाले देश में नफ़रती वायरस फैलाने की कोशिश में दिन-रात लगे हुए हैं. ये नफ़रती वायरस इतना ख़तरनाक हो चुका है कि देश में लॉकडाउन के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की बात भूलकर सड़कों पर लोगों की जान लेने के लिए घूम रहा है.

ये घटना बिहार के पूर्वी चम्पारण ज़िला के मेहसी इलाक़े की है. यहां बथना गांव में एक 18 वर्षीय नौजवान को गले में चाकू मारकर घायल कर दिया गया है. घायल युवक का इलाज फिलहाल जीवधारा के अस्पताल में चल रहा है. 

BeyondHeadlines से बातचीत करते हुए घायल युवक मो. इसराईल के भाई ताहिर बताते हैं कि उनके गांव बहादुरगढ़ में आंधी की वजह से बिजली दो दिनों से ग़ायब थी. इसीलिए इसराईल 2 जून को क़रीब 2.30 बजे दिन में  अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए बग़ल के गांव बथना जा रहा था. रास्ते में बथना गांव से पहले एक मंदिर के पास बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े 12-15 लोगों ने इसे रोक कर पहले एक धर्म विशेष के लोगों को लेकर गाली-गलौज की, इस दौरान इसे मारा-पीटा, फिर ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कहा, लेकिन जब मेरे भाई ने मना कर दिया तो उन्होंने इसे बेहद बुरी तरह से मारा.

ताहिर आगे बताते हैं, उनका इरादा इसराईल को जान से मार देने का था. उन्होंने इसका गला काटने की भी कोशिश की. उन्होंने अपने हिसाब से इसे मार ही दिया था. क्योंकि जब इसराईल बेहोश हो गया तो इसे मरा हुआ समझ कर छोड़कर चले गए. बता दें कि ताहिर ‘ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ से जुड़े हुए हैं.

इस पूरे मामले पर ‘ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ के बिहार युवा अध्यक्ष आदिल हसन आज़ाद नीतिश कुमार पर सवाल खड़े करते हुए कहते हैं, ‘नीतिश कुमार सुशासन की बात करते हैं. न्याय और विकास की बात करते हैं. तो फिर बिहार में कहां है न्याय? कहां है सुशासन? फिर बिहार के डीजीपी साहब, जो हर मामले में सोशल मीडिया पर लाईव आते हैं, इस मामले पर ख़ामोश क्यों हैं? उनकी पुलिस क्या कर रही है? इन गुंडों पर एफ़आईआर दर्ज क्यों नहीं हो रही हैं?’

आदिल बिहार के विपक्षी पार्टियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हैं. वो कहते हैं, ‘तेजस्वी यादव का खून सिर्फ़ यादव के ही मामलों में खौलता है. मुस्लिम नौजवानों के मामले में उनके मुंह पर ताला क्यों लग जाता है.’

इस मामले को लेकर हाल में ही आईजी के पद से इस्तीफ़ा देने वाले आईपीएस अब्दुर रहमान ने भी ट्वीट कर कहा है, मैंने इस संबंध में पूर्वी चम्पारण के पुलिस सुप्रीटेंडेन्ट से बात की है. अभी तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.

इस संबंध में BeyondHeadlines ने भी मेहसी थाने में संपर्क किया लेकिन ये ख़बर लिखे जाने तक इस संबंध में किसी अधिकारी से बात नहीं हो सकी है. हालांकि स्थानीय मीडिया को दिए बयान में थाना अध्यक्ष अवनीश कुमार ने कहा है कि घालय युवक का फर्द बयान आने के बाद कार्रवाई होगी. लेकिन इसराईल के घर वालों का आरोप है कि पुलिस ने बयान दर्ज कर लिया है, बावजूद इसके पुलिस कोई कार्रवाई करती नज़र नहीं आ रही है. इस संबंध में परिवार के लोगों ने थाने में लिखित शिकायत भी दी है.

बता दें कि बथना गांव में ये कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले लॉकडाउन के दौरान ही 27 मई को बड़ी संख्या में शरारती तत्वों द्वारा रात में अचानक पूर्व सरपंच मो. सलीम के घर पर हमला कर खिड़की का शीशा, दरवाज़ा तोड़कर लाखो रुपये का बटन लूट लिया था.

मेहसी को एक ज़माने में ‘बिहार का मोती’ कहा जाता था. असल में जो जगह सीप के अंदर मोती की होती है, वही स्थान बिहार के भीतर चम्पारण के मेहसी का था. मेहसी की कारीगरी सारी दुनिया में मशहूर थी. यहां के सीप के बने बटन चीन और जापान तक अपनी सफलता का झंडा गाड़ चुके हैं.

 

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