दवा खरीदने जाएं तो इन बातों का ज़रूर ध्यान रखें

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Ashutosh Kumar Singh for BeyondHeadlines

सरकारी नियम यह कहता हैं कि प्रत्येक दवा विक्रेता के पास सरकार द्वारा दी गयी सरकारी रेट लिस्ट होनी चाहिए. उपभोक्ता दवा खरीदते समय उस रेट लिस्ट को केमिस्ट से मांग सकता है ताकि उसे मालूम चले की उसे जो दवाइयां दी गयी हैं उसका वास्तविक मूल्य क्या है? तो क्या आपने कभी सरकारी रेट लिस्ट दवा दुकानदार से मांगी है… अगर नहीं तो आज से ही मांगना शुरू कीजिए… अगर दुकानदार यह लिस्ट नहीं देता हैं तो इसके लिए आप नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग ऑथोरिटी में शिकायत कर सकते हैं. अथवा आप अपने ज़िले के ड्रग इंस्पेक्टर या ड्रग कंट्रोलर से भी शिकायत कर सकते हैं.

1800111255 एन.पी.पी.ए का हेल्पलाइन नम्बर है जिस पर आप कॉल कर के इसके बारे में जानकारी मांग सकते हैं. ध्यान रहे कि सरकार ने 74 ज़रूरी दवाइयों की सेलिंग प्राइस तय कर रखी है. इस मूल्य से ज्यादा पर कोई भी दवा कंपनी अपनी दवा नहीं बेच सकती है. अगर कोई कंपनी इस नियम का उल्लंघन करती हैं तो उसके खिलाफ डीपीसीओ-1995 के असेंशियल कोमोडिटिज एक्ट,1955 की धारा-7 के तहत डीपीसीओ के नियमों को तोड़ने हेतु कम से कम तीन महीने की सजा का प्रावधान है.  यह सज़ा बढ़कर सात साल तक की हो सकती है और इसका उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

(लेखक कंट्रोल एम.एम.आर.पी कैंपेन चला रही प्रतिभा जननी सेवा संस्थान के राष्ट्रीय को-आर्डिनेटर व युवा पत्रकार हैं)

 

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