बाप का नाम करोड़पति…

Beyond Headlines
4 Min Read

Hema for BeyondHeadlines

जन्म से पहले ही यह सुनिश्चित हो जाता है कि हमारा उपनाम क्या होगा? करोड़पति पिता के घर में जन्म लेना कोई मामूली बात नहीं है भाया… कोई भी काम कराना हो तो बस यह कहने की देरी होती है कि मेरा बाप करोड़पति है. यह न जमे तो कह दो मैं करोड़पति की औलाद हूं.

बात तो एक ही है भाई क्योंकि चाहे बाप का नाम याद हो या न हो यह मायने थोड़े ही रखता है, मायने तो यह रखता है कि बाप के पास पैसे कितने हैं? क्योंकि पैसा बोलता है जनाब.

Patronymic Millionaireकॉलेज में मेरी मुलाकात भी करोड़पति की एक औलाद से हुई. वह मेरी ही कक्षा में पढ़ती थी. कुछ समय बीतने पर उससे दोस्ती भी हो गई. उसके हाव-भाव ही नहीं, बात-बात पर उसकी ज़बान से भी यही निकलता था कि मैं करोड़पति की औलाद हूं. उसका मानना था कि करोड़पति बाप की संतान जो भी करे, वह सही ही होता है. फिर चाहे वह नशे में धुत होकर कहीं किसी गरीब पर अपनी गाड़ी भी चढ़ा दे.

करोड़पति बाप की औलाद थी तो शौक भी तो वैसे ही होंगे न. तो उसको भी पार्टी, नशे और गाड़ी चलाने का ख़ूब शौक था. एक दिन इसी रईसी के चलते उसने राह में चलते एक ग़रीब को अपनी बेशकीमती कार से कुचल दिया. कुछ दोस्तों के ज़रिए पता चला कि हादसा हो गया है और उसे भी कुछ चोटें आई हैं तो हम सारे दोस्त उससे मिलने अस्पताल चले आए.

रास्ते भर यह सोचकर परेशान कि इस हादसे से उसकी क्या दशा हुई होगी, लेकिन जब अस्पताल जाकर देखा तो उसके चेहरे के भाव कतई नहीं बदले थे. किसी की जान ले लेने का उसे तनिक भी अफसोस न था.

उसके चेहरे पर साफ लिखा था कि मैं करोड़पति की औलाद हूं. मैंने जो किया है सही किया है. इसका तर्क भी उसके पास था.

बातचीत के दौरान उसने कहा- अरे कुचल दिया तो कौन सा बवंडर आ गया. क्यों वह मेरी गाड़ी के नीचे आई, मैंने कहा था सड़क पर चलने को? अच्छा ही हुआ हमारे देश में आबादी के कारण ही गरीबी बढ़ती जा रही है. मैंने देश का कुछ भला तो किया.

इतनी देर में वहां दरोगा साहब पहुंच गए और उन्होंने उससे पूछा तुम्हारे बाप का क्या नाम है? तमाम औपचारिकताएं पूरी कर वह निकल लिया. दूसरे दिन समाचार पत्रों में ख़बर की शुरुआत भी उसके बाप के नाम से ही शुरु हुई. शुरुआत कुछ यूं थी करोड़पति बाप की औलाद ने… इसके बाद मैंने यह सोचा कि करोड़पति बाप की औलाद होना कितना हानिकारक है.

अव्वल तो आप आजीवन अपनी नहीं अपने पिता की पहचान बताते रहो. आप क्या हो इसका पता न आपको है और न दुनिया को, बस एक पहचान है कि यह करोड़पति बाप की औलाद है.  दूसरा यह कि आपके कुकर्म ही आपके पिता को पिता से बाप तक पहुंचा देते हैं.

Share This Article