BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: आज़म बताएं कि खालिद की हत्या से क्या मुसलमानों में सपा के प्रति गलत संदेश नहीं गया..?
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > आज़म बताएं कि खालिद की हत्या से क्या मुसलमानों में सपा के प्रति गलत संदेश नहीं गया..?
IndiaLead

आज़म बताएं कि खालिद की हत्या से क्या मुसलमानों में सपा के प्रति गलत संदेश नहीं गया..?

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published August 20, 2013
Share
10 Min Read
SHARE

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : आज़म खान का यह कहना कि मुलायम सिंह यादव का विश्व हिंदु परिषद के नेताओं से मिलने और राम मंदिर बनाने के लिए मुसलमानों से बात करने का आश्वासन देने से मुसलमानों में सपा के प्रति गलत संदेश गया है को सोची समझी नूरा कुश्ती करार देते हुए कहा कि सपा मुसलमानों और साम्प्रदायिक हिंदु वोटों को एक साथ साधना चाहती है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि अगर आज़म खान को ऐसा लगता है कि मुलायम ने अशोक सिंघल से मिलकर गलत किया है तो उन्हें अपनी इमानदारी दिखाते हुये सपा से त्याग-पत्र दे देना चाहिए साथ ही उन्हें यह भी बताना चाहिए कि एक साल में 27 दंगे कराने की बात स्वीकार करने वाली सरकार के प्रति भी तो मुसलमानों में गलत संदेश गया है, लेकिन आजम इस मसले पर क्यों चुप रहे या आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों की रिहाई से सपा सरकार के वादाखिलाफी पर आज़म ने क्यों आपराधिक चुप्पी साध रखी है.

खालिद मुजाहिद की हत्या के बाद इंसाफ की मांग हो या फिर आज़म के गृह जनपद रामपुर में शराब के नशे में धुत सीआरपीएफ सिपाहियों द्वारा आपस में की गयी गोलीबारी को आतंकवादी घटना बता कर आधा दर्जन निर्दोष मुसलमानों को जेलों में बंद रखने से क्या सपा के खिलाफ मुसलमानों में गलत संदेश नहीं जा रहा है. आज़म इसका जवाब दें.

Rihai Manch Indefinite dharna completes 91 Daysरिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोष मुसलमानों के लिए कानूनी मदद करने का शिगूफा छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जिसे मुसलमानों के इमोशनल अत्याचार के सिवा कुछ नहीं कहा जा सकता. क्योंकि मुसलमान तो आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोष बच्चों की कानूनी लड़ाई ही नहीं लड़ रहा है बल्कि सड़क पर उतरकर के सांप्रदायिक आईबी और एटीएस के खिलाफ मैदान में उतर चुका है.

आज जब एजेंसियों और सरकारों की आतंकवादी वारदातों में संलिप्तता सामने आ रही है तो वो पुर्नर्विवेचना जैसे सवालों से भागने और आईबी की आतंकवादी और देशद्रोही कृत्यों को छिपाने के लिए निर्दोष मुसलमानों को कानूनी सहायता देने का शिगूफा छोड़ रही हैं. निष्पक्ष विवेचना न्याय का आधार होती है और मुस्लिम समुदाय कोई भीख नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रदत्त अधिकारों के तहत पुर्नर्विवेचना की मांग कर रहा है.

अगर सरकारें मुस्लिमों के प्रति इंतना चिंता कर रही हैं तो उन्हें आतंकी वारदातों की पुर्नर्विवेचना करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी आतंकी मालेगांव हो या फिर मक्का मस्जिद हर जगह पुर्नर्विवेचना के बाद ही असली आतंकवादी पर्दे के सामने आए और साफ हो गया कि मुसलमान नहीं बल्कि राष्ट्रवाद का भगवा चोला पहने संगठन आंतकी वारदातों को अंजाम देने में लिप्त थे.

धरने के समर्थन में महाराष्ट्र से आए सामाजिक कार्यकर्ता व महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के असिस्टेंट प्रोफेसर शरद जायसवाल जिन्होंने पिछले दिनों महाराष्ट्र के अकोला और धुले जहां क्रमशः 4 और 6 लोग मारे गये थे पर जांच रिपोर्ट जारी की थी, ने कहा कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में आरआरएस के साथ मिल कर दंगे करवाए हैं. जिसके लिए उसने बाकायदा ‘हनुमान सेना’ नाम का संगठन बनाया है जिसमें भाजपा से नाराज बजरंग दल और शिवसेना के साम्प्रदायिक आतंकवादी शामिल किये गये हैं.

उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस दोनों ही हिंदुत्व के एजेंडे पर ही काम करके समाज को बांटना चाहती हैं. जिससे समाज को चौकन्ना रहना होगा.

धरने को संबोधित करते हुए इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी और भारतीय एकता पार्टी के सैय्यद मोईद अहमद नेद कहा कि आज मौलाना खालिद मुजाहिद को न्याय दिलाने व बेगुनाहों की रिहाई के लिए चल रहा यह संघर्ष अब एक मुकाम पर पहुंच गया हैं.

आज मुसलमान इस बात को अच्छी तरह से महसूस कर रहा है कि गर्मी के बाद भारी बारिश और सपा सरकार द्वारा रिहाई मंच ने टेंट को उखड़वा देने के बाद भी जिस तरीके से यह आंदोलन 29 अगस्त को अपने इस संघर्ष के 100 दिन के पड़ाव पर पहुंचेगा उस दिन इस विधानसभा को घेरने का काम किया जाएगा.

इस प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बताएं कि यह लखनऊ विधानसभा है या कोई आरामगाह जहां मंत्री मंडल को बढ़ाकर लूट खसोट करने के लिए तो वक्त है पर मानसून सत्र बुलाने की अखिलेश यादव के पास हिम्मत नहीं है. ऐसे में हम 29 तारीख को इस प्रदेश के मुख्यमंत्री को जवाब देगें की लोकतांत्रिक व्यवस्था कोई अवारा पूंजी नहीं है जिस पूंजी से वो विदेश में पढ़ के आए हैं और इस प्रदेश की जनता को जवाब न देने के लिए मानसून सत्र नहीं बुला रहे हैं.

मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारुकी और पिछड़ा समाज महासभा के शिवनारायण कुशवाहा, एहसानुल हक़ मलिक और ने कहा कि रिहाई मंच की आजादी की 66वीं वर्षगांठ पर की गई जनसुनवाई ‘जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहां हैं’ में जिस तरीके से आतंकवाद के नाम पर पीडि़त व परिवार के लोगों ने अपनी बातों को बताया उसे सुन कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि हम किसी आजाद मुल्क में हैं.

मुस्लिम होने के नाम पर जेलों में उत्पीड़न की ऐसे वाक्ये अबू गरेब जेल ही उदाहरण बनती थी, पर 15 अगस्त को जनसुनवाई में पीडि़त पक्ष को सुनकर लगा चाहे वो लखनऊ, इलाहाबाद, बरेली हो फिर अहमदाबाद की साबरमती जेल हर जगह मौत की जेले हैं. मोदी के गुजरात में आतंकवाद के नाम पर बच्चों को फंसाने और उत्पीड़न करने के लिए सुरंग कांड में फांसकर यातनाएं दी गई तो वहीं यूपी की जेलों में 23-23 घंटे बंद रखते हैं और इलाहाबाद में तो अंडा सेल में रखा जाता है.

धरने को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल पीश फेडरेशन डा0 हारिश सिद्दीकी और आलोक अग्निहोत्री ने कहा कि हमारे बेगुनाह बच्चों को सिर्फ मुस्लिम होने के नाम पर आतंकवादी बताकर फंसाया जाता है और उसके बाद छोड़ने के झूठे वादे करके सत्ता हथियाई जाती है और परिणाम आपके सामने है मौलाना खालिद मुजाहिद की मौत के रुप में.

आखिर यह कौन सा लोकतंत्र है जो लोक कि बातों को अनसुना करके ही नहीं बल्कि देश के खिलाफ साजिश रचने वाली सुरक्षा एजेंसियां चाहे वो एसटीएफ-एटीएस या खुफिया एजेंसी आईबी के अधिकारियों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.

हम रिहाई मंच के मंच से इस बात को अखिलेश से पूछना चाहते हैं सपा को जनता ने चुनकर भेजा है कि एटीएस और आईबी ने जो उनको बचाने के लिए मरहूम मौलाना खालिद को इंसाफ से वंचित कर रहे हो.

उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया में खालिद नहीं हैं तो उनके परिवार ही नहीं पूरी अवाम की जिम्मेवारी है कि उसके इंसाफ की जंग में शिरकत करें और उस पर लगे आतंकी के ठप्पे को मिटाकर ही मानें क्योंकि यह ठप्पा सिर्फ किसी खालिद पर नहीं लगा बल्कि यह पूरे मुस्लिम समुदाय पर सांप्रदायिक आईबी ने लगाया है.

रिहाई मंच के इस इंसाफ की लड़ाई को 29 अगस्त को सौ दिन हो रहे हैं हम सौ दिन हो या हजार दिन जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता हम हर दिन मुल्क के रहबरों से यह सवाल करेंगे कि खालिद को इंसाफ क्यों नहीं दे रहे हो.

यूपी की कचहरियों में 2007 में हुए धमाकों में पुलिस तथा आईबी के अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से फंसाए गये मौलाना खालिद मुजाहिद की न्यायिक हिरासत में की गयी हत्या तथा आरडी निमेष कमीशन रिपोर्ट पर कार्रवायी रिपोर्ट के साथ सत्र बुलाकर सदन में रखने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ने की मांग को लेकर रिहाई मंच का धरना मंगलवार को 91वें दिन भी जारी रहा.

धरने का संचालन राजीव यादव ने किया. धरने को महाराष्ट्र से आए सामाजिक कार्यकर्ता शरद जायसवाल, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, डा0 कमरुद्दीन कमर, गुंजन सिंह, मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारुकी, शकील, मो0 नसीम, इनायत उल्लाह खां, कमर सीतापुरी, नेशनल पीश फेडरेशन डा0 हारिश सिद्दीकी, पिछड़ा समाज महासभा के शिवनारायण कुशवाहा, एहसानुल हक मलिक, अबरार अहमद फारुकी, फैजान मुसन्ना, आसिम खान, भारतीय एकता पार्टी के सैयद मोईद अहमद, आलोक अग्निहोत्री, मो0 फैज, इमरान रजा, सैय्यद कुतुबुद्दीन, योगेन्द्र सिंह यादव, शाहनवाज आलम और राजीव यादव मौजूद रहे.

TAGGED:Rihai Manch Indefinite dharna completes 91 Days
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveIndiaLeadYoung Indian

Weaponizing Animal Welfare: How Eid al-Adha Becomes a Battleground for Hate, Hypocrisy, and Hindutva Politics in India

July 4, 2025
ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?