महान जंगल बचाने गयी महिलाओं के साथ बदसलूकी

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BeyondHeadlines News Desk

सिंगरौली : महान जंगल को बचाने की कोशिश कर रही दलित और आदिवासी महिलाओं को डराने-धमकाने के मामले को लेकर अमिलिया गांव की 6 आदिवासी और दलित महिलाओं ने आदिम जाति थाना वैढ़न में लिखित शिकायत दर्ज करवाया है कि उनके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी है.

6 और 7 जून को महिलाओं द्वारा जंगल में महान कोल लिमिटेड और वन विभाग द्वारा किये जा रहे सर्वे का शांतिपूर्वक विरोध करने गयी महिलाओं के साथ कंपनी के दलाल लालचन्द्र साह, रामशरण यादव, सिंगलाल विश्वकर्मा तथा वन विभाग के मुंशी योगेन्द्र सिंह धुर्वे ने गाली- गलौज करते हुए गोली से मारने तक की धमकी दी है.

आवेदन में महिलाओं ने कहा है कि उन्हें वन विभाग के मुंशी योगेन्द्र सिंह ध्रुवें ने गोली से मारने तक की धमकी दी है.

सभी महिलायें अमिलिया गांव की निवासी हैं. अमिलिया गांव की निवासी समलिया खैरवार बताती हैं कि, “हमलोग अपना जंगल बचाना चाहते हैं. इस जंगल में सदियों से हमारी आजीविका निर्भर है. जंगल न सिर्फ हमारे लिये रोजगार का माध्यम है, बल्कि हमारी पूरी संस्कृति ही इसपर निर्भर है. हमारे जंगल को बचाने की कोशिश के खिलाफ कंपनी के दलाल और वन विभाग का मुंशी हमको जान से मारने की धमकी दे रहा है. इसलिए हम लोग आज थाना में इसकी शिकायत लेकर पहुंचे हैं.”

अमिलिया गांव की ही निवासी भगवनिया साकेत कहती हैं कि, “हम इन धमकियों से डरे नहीं हैं और आगे भी अपना जंगल बचाने के लिए संघर्ष करती रहेंगे, लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे जान माल की रक्षा की जाय और हमारी शिकायत पर कानूनी कार्यवाही हो.”

महान जंगल को महान कोल लिमिटेड को कोयला खदान के लिए सरकार ने आवंटित किया है, जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है. फरवरी में महान कोल लिमिटेड को मिले दूसरे चरण की पर्यावरण मंजूरी के बाद से ग्रामीणों ने वन सत्याग्रह शुरू कर दिया है और जंगल में किसी भी तरह के खनन से जुड़े कार्य का शांतिपूर्वक तरीके से विरोध कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन में आदिवासी और दलित महिलाएं भी बड़ी संख्या में हिस्सा ले रही हैं.

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