जागरण के संपादक को दी मां की गाली, 400 लोगों ने किया लाइक, लेकिन क्यों?

Beyond Headlines
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BeyondHeadlines Social Media Desk

अपनी ख़बरों को लेकर अक़्सर सांप्रदायिकता को हवा देने वाले हिंदी अख़बारों के संपादकों को पाठक अब सोशल मीडिया पर सबक सिखा रहे हैं.

एक ख़बर में ज़बरदस्ती हिंदू-मुस्लिम भावनाएं भड़काने की कोशिश करने पर भारत के सबसे बड़े हिंदी अख़बार दैनिक जागरण के संपादक को एक पाठक ने अख़बार के फ़ेसबुक पन्ने पर मां की गाली तक दे डाली और अभद्र भाषा में की गई इस टिप्पणी को चार सौ से अधिक लोगों ने लाइक भी कर दिया.

स्पष्ट रहे कि हिन्दी दैनिक ‘नई दुनिया’ ने एक खबर अपने वेबसाईट पर प्रकाशित की -‘ हिंदू लड़कियों के साथ फोटो खिंचवाई, हुई जमकर पिटाई’ यह खबर मंगलोर के उपनगरीय इलाके सूरथकल की है, जहां एक युवक ने अपने कॉलेज के लड़की दोस्तों के साथ फोटो खिंचवाया. यह तस्वीर दोस्तों की आपसी सहमति में ली गई थी. तस्वीर में सब मुस्कुरा रहे हैं. यह तस्वीर देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. तस्वीर के वायरल हो जाने के बाद कुछ लोगों ने तस्वीर में दिख रहे दो लड़कों में से एक की बुरी तरह से पिटाई कर दी…

अब इसी खबर को तस्वीर के साथ दैनिक जागरण ने अपने फेसबुक पेज़ पर ‘एक मुस्लिम छात्र ने पांच हिंदू लड़कियों की गोद में लेटकर फोटो खिंचवाई और फिर…’  लिखते हुए शेयर कर दिया. देखते ही देखते यह पोस्ट यहां भी वायरल हो गई. ख़बर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 24 हज़ार लोगों ने लाईक किया है. 1300 लोगों ने इसे शेयर भी किया है. और कमेंट्स भी हज़ारों में हैं. लाईक, शेयर और कमेंट का सिलसिला अभी भी जारी है. लोग अखबार और इनके सम्पादकों को जमकर गालियां दे रहे हैं. तो कईयों ने मीडिया वालों की तुलना नेताओं से भी की है.

एक पाठक ने लिखा है –‘ये एक बेवकूफी भरा कारनामा है बस, इसको हिन्दू मुस्लिम बनाना गलत है. अभी तक नेता लोग ये काम करके दंगे कराते थे, अब न्यूज़ वाले भी अपनी रोटियां सेकने लगे…. यार ईमानदार हिन्दुस्तानी नहीं बन सकते.’

तो वहीं एक पाठक का कहना है कि ‘दुनिया की खबरें और भी हैं. हजारों लोग भूखे पेट सो जाते हैं, इलाज के अभाव में कितनी जाने चली जाती हैं. ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो इन खबरों से अधिक महत्वपूर्ण है. अपने देश को 300 वर्षों तक अंग्रेजो ने बाँटा, आजादी के बाद से अब तक नेताओं ने देश को तोङ कर अपनी-अपनी रोटी सेंकी; अब आगे यही काम “मीडिया” कर रही है. कम से कम मीडिया को तो जिम्मेदार बनना चाहिए.’

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