BeyondHeadlines News Desk
तिहाड़ जेल में इन दिनों रात का मंज़र कुछ अलग ही है. रात के 12 बजे के बाद से ही यहां क़ैदियों की चहल-पहल शुरू हो जाती है. इसकी वजह है रमज़ान का पवित्र महीना…
रोज़ा रखने वाले क़ैदियों के लिए रात 12 बजे के बाद से सेहरी के लिए खाना तैयार होना शुरू हो जाता है. जेल में रोज़ा रखने वाले एक सौ से अधिक क़ैदी हैं, इनमें 10 हिन्दू क़ैदी भी शामिल हैं.
तिहाड़ के साथ-साथ रोहिणी जेल में बंद क़ैदियों को भी रमज़ान महीने का इंतज़ार रहता है. यह जानकारी देते हुए तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेल नंबर एक, दो और आठ, नौ के क़ैदी ऐसे हैं, जिनमें से किसी ने रोज़ा नहीं रखा है. जबकि जेल नंबर तीन व चार के अलावा महिला जेल में भी महिला क़ैदियों ने रोज़ा रखा है.
इन जेलों में रोज़ा रखने वाले क़ैदियों की संख्या 70 के करीब है, जबकि अन्य जेलों में 30 क़ैदी ऐसे हैं जो रोज़ा रखे हुए हैं. इनमें कई हिन्दू क़ैदी भी शामिल हैं.
रोज़ा रखने वाले क़ैदियों को भोजन में चावल, दाल, रोटी और सब्ज़ी दी जाती है. रोज़ेदारों को तड़के चार बजे भोजन मुहैया करा दिया जाता है. रोज़ेदार दूध फैनी के साथ सेहरी करते हैं.
रोज़ा रखने वाले क़ैदी समाचार पत्रों में दिए गए समय के मुताबिक शाम में इफ़्तार करते हैं.
स्पष्ट रहे कि पिछले साल 2014 में तिहाड़ जेल के 150 से ज्यादा हिन्दू क़ैदी 2,300 मुस्लिम क़ैदियों के साथ रोज़ा रख रहे थे.