Latest News

सरकारी प्राइस कंट्रोल की धज्जियां उड़ा रही हैं दवा कंपनियां

आशुतोष कुमार सिंह

सरकार द्वारा सस्ती दवाइयां बेचने के दावों को ठेंगा दिखाते हुए दवा कंपनियां मनमाने तरीके से दवाइयों की एम.आर.पी तय कर रही हैं. राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एन.पी.पी.ए) द्वारा दवाइयों की कंट्रोल मूल्य से ज्यादा पर धड़ल्ले से बेची जा रही हैं.

एन.पी.पी.ए द्वारा 31 मार्च 2011 को जारी जारी ‘कंपेडियम ऑफ द प्राइस ऑफ सिड्यूल्ड ड्रग’ के सातवें एडिसन के अनुसार सिप्रोफ्लाक्सासिन-500 मि.ग्रा के चार टैबलेट की स्ट्रीप को सिपला, रैनबैक्सी और जाइडस कैडिला जैसी कंपनियां गैजेट संख्या 438(ई)) के अनुसार नोटिफिकेशन संख्या (10.061997) के तहत 24.2 रूपये में बेच सकती हैं.

वही दूसरी ओर एफ.डी.सी, अलकेम और माइक्रो इसी नोटिफिकेशन के तहत प्रति चार टैबलेट 23.92 रुपये में बेच सकती हैं. इसके उलट मुम्बई की एक रिटेल दुकान पर जब इन कंपनियों की दवाइयों का रेट मालुम करने पर पता चला कि रैनबैक्सी सिफरान-500 मि.ग्रा. नामक ब्रांड से 99.50 रूपये प्रति 10 टैबलेट बेच रही है तो सिपला सिपलॉक्स 500 के नाम से 93.36 रूपये प्रति 10 टैबलेट बेच रही है. आश्चर्यजनक तरीके से इसी सॉल्ट को लेकर एफडीसी जाक्सन-500 मि.ग्रा. नामक ब्रांड को 55 रूपये में बेच रही है.

गौरतलब है कि देश में दवाइयों के मूल्य को निर्धारित करने की जिम्मेदारी  एन.पी.पी.ए की है. इस संबंध में एन.पी.पी.ए के चेयरमैन सी.पी सिंह का कहना है कि अगर किसी भी ग्राहक को यह लगता है कि उससे दुकानदार एन.पी.पी.ए द्वारा निर्धारित मूल्य से ज्यादा पैसा वसूल रहा है तो वह हमें शिकायत कर सकता है. इसके लिए हमारी वेवसाइट (http://nppaindia.nic.in/) पर फार्म उपल्बध है.

दवाइयों में मुनाफाखोरी खत्म करने के लिए ‘कंट्रोल एम.एम.आर.पी’ अभियान चलाने वाली संस्था प्रतिभा जननी सेवा संस्थान का कहना है कि भारत एक लोककल्याणकारी राज्य है. अतः सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह आम जनता को सस्ती दवाइयां उपल्बध कराए.

(लेखक प्रतिभा जननी सेवा संस्थान के नेशनल को-आर्डिनेटर व युवा पत्रकार हैं.)

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]