BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ, आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा सपा कार्यकर्ताओं पर से पिछली बसपा सरकार में लगाए गये मुक़दमों को हटाने के निर्णय पर सवाल उठाया है.
संगठन ने जारी बयान में कहा है कि चुनावी घोषणा-पत्र में सपा ने आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोड़ने का वादा किया था, लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी किसी बेगुनाह को नहीं छोड़ा गया और उल्टे 3 अन्य को आतंकवाद के झूठे आरोप में पकड़ा गया. जबकि सपा कार्यकर्ताओं और विजय मिश्र जैसे हत्या के आरोपी विधायक को छोड़ने का चुनावी वादा न करने के बावजूद उन्हें छोड़ा गया. जिससे सपा का मुसलमानों का हमदर्द होने की पोल खुल गयी है.
रिहाई मंच के नेताओं मुहम्मद शुऐब, राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने संगठन के लाटूश रोड स्थित कैम्प कार्यालय में हुई बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोड़ने के चुनावी वादे के कारण ही मुसलमानों ने सपा को एक-तरफा वोट दे कर पूर्ण-बहुमत से सत्ता तक पहुंचाया है, लेकिन छह महीने में ही मुसलमान अपने को ठगे महसूस करने लगे हैं.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुसलमानों का जेल में रहना और सपा कार्यकताओं पर से गंभीर आपराधिक मुक़दमों का हटाया जाना, कचहरी विस्फोट के आरोपियों तारिक और खालिद की फर्जी गिरफ्तारी पर जांच के लिये गठित आरडी निमेष कमीशन की रिर्पोट को सार्वजनिक न करना और कोसी कलां से लेकर अस्थान तक में हुये मुस्लिम विरोधी दंगों में एक भी आरोपी का न पकड़ा जाना समाजवादी पार्टी के साम्प्रदायिक चरित्र को उजागर करता है.
रिहाई मंच के नेताओं ने संगठन द्वारा पिछले दिनों बाटला हाउस फर्जी मुठभेड की चौथी बरसी पर प्रेस क्लब में ‘कांग्रेस, सपा और खुफिया एजेंसियों की साम्प्रदायिकता’ पर आयोजित सम्मेलन में पुलिस और खुफिया एजेंसियों की भारी तैनाती पर सवाल उठाते हुये कहा कि सपा वोट के लिये तो संजरपुर जा कर बाटला हाउस कांड को फर्जी एन्काउंटर कहती है लेकिन जब पूरे सूबे से आतंकवाद के आरोप में बंद निर्दोंषों के परिजन अपना दर्द बयां करने आते हैं तो सपा सरकार उन्हें पुलिस और खुफिया एजेंसियों से आतंकित करने की कोशिश करती है.
बैठक में सपा सरकार द्वारा बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने का वादा पूरा न करने और सरकार की साम्प्रदायिक नीतियों के खिलाफ लगातार जन जागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. बैठक में गुफरान सिद्दीकी, योगेंद्र यादव, शाहनवाज खान, राजीव यादव इत्यादि उपस्थित थे.