Latest News

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ठेंगा दिखा रही है सरकार!

नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग पॉलिसी-2011 भी ठंढे बस्ते में… दवा कंपनियों की लूट जारी लगातार जारी है… 

Ashutosh Kumar Singh for BeyondHeadlines

भारत की जनता को सुप्रीम कोर्ट से बहुत ही उम्मीद होती है. बावजूद इसके भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है. नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग पॉलिसी-2002 में खामी होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्थगति कर दिया था और जल्द ही जनहित में एक नयी फार्मा नीति बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन राष्ट्रीय दवा मूल्य नीति अभी तक लागू नहीं हो पाया है.

स्पष्ट रहे कि 10 मार्च 2002 को दिए अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि जीवन रक्षक दवाइयों की रिवाज्ड प्राइस नए सिरे से 2 मई 2003 तक पूरे किए जाए और कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाए. 2003 की बात कौन कहे आज 2012 जाने को है, लेकिन सरकारी स्तर पर इस मसले पर केवल कभी-कभार विचार-विमर्श होते रहे हैं और राष्ट्रीय दवा मूल्य नीति अभी तक लागू नहीं हो पाया है.

जबकि नेशनल फार्मास्यूटिकल्स पॉलिसी-2011 का ड्राफ्ट पिछले साल अक्टूबर में ही तैयार हो गया था. लेकिन जन-सुझाव के नाम पर इसे भी लटका कर रखा गया है, और तब से लेकर अब तक दवा कंपनियों की मनमानी बदस्तुर जारी है. आम जनता लूटी जा रही है और हमारी सरकार चैन की नींद सो रही है.

(लेखक प्रतिभा जननी सेवा संस्थान के नेशनल को-आर्डिनेटर व युवा पत्रकार हैं)

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]