दिवाली की रात ही हो गया था ठाकरे का देहांत!

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BeyondHeadlines News Desk

मुंबई. शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने दिवाली की रात ही अंतिम सांस ले ली थी. उन्हें हृद्यघात हुआ था. ठाकरे पहले से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे. दिवाली की रात उनकी तबियत अचानक खराब हो गई थी और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

लेकिन अभी तक शिवसेना और ठाकरे परिवार ने उनकी मौत की घोषणा नहीं की है. बुधवार देर शाम बाल ठाकरे की तबियत नाजुक होने की खबर मीडिया में आई. गुरुवार के पूरा दिन ठाकरे की हालत नाजुक होने की खबर मीडिया में छाई रही. बॉलीवुड, व्यापार और राजनीति जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियां गुरुवार को बाल ठाकरे का हालचाल जानने पहुंची. सभी ने यही कहा कि बाल ठाकरे की सेहत में सुधार हो रहा है. शिवसेना और ठाकरे परिवार की ओर से अधिकारिक बयान में भी यही कहा गया कि बाल ठाकरे की हालत बेहतर है.

लेकिन मुंबई में ठाकरे की सेहत पर नजर रख रहे कुछ पत्रकारों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि ठाकरे की मौत दिवाली की रात को ही हो गई थी. हालांकि कुछ पत्रकार मित्रों का यह भी कहना है कि बाला साहब ठाकरे का देहांत गुरूवार सुबह दस बजे हुआ है. लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से उनकी मौत की घोषणा नहीं की जा रही है.

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी बाल ठाकरे को ट्विटर पर श्रद्धांजलि दे दी थी. उनके मुताबिक ठाकरे को देखकर आए व्यक्ति ने उन्हें उनकी मौत की जानकारी दी थी. लेकिन बाद में दिग्विजय सिंह भी अपनी ट्वीट से पलट गए और माफी मांग ली.

वहीं गुरुवार को ठाकरे के अंतिम दर्शन के लिए दशहरा मैदान में पंडाल भी लगाया गया था जिसे बाद में हटा लिया गया. यही नहीं बांद्रा में उनके घर के आस-पास चलित शौचालय भी लगा दिए गए हैं ताकि उनके अंतिम दर्शन के लिए आने वालों को कोई परेशानी न हो.

ठाकरे को फिलहाल उनके घर में ही वेंटिलेटर पर रखा गया है. लिक्विड आक्सीजन से उन्हें सांस देने की बात कही जा रही है. लेकिन सवाल यह है कि ठाकरे की यदि मौत हो गई है तो इसकी घोषणा क्यों नहीं की जा रही है.

राजेश खन्ना की मौत की घोषणा में भी हुई थी देरी

हाल ही में जब राजेश खन्ना की मौत की खबर बाहर आने में भी देरी हुई थी. राजेश खन्ना की मौत भी रात में ही हो गई थी लेकिन अगले दिन दोपहर तक ही उनकी मौत की घोषणा की जा सकी थी. इसका एक कारण भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों का इंतेजाम करना भी था. मातोश्री के बाहर भी भारी सुरक्षा इंतेजाम किए गए हैं. मुंबई में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है लेकिन फिर भी बाल ठाकरे की मौत की घोषणा नहीं की जा रही है.

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