India

गिलानी की नज़रबंदी एक फांसीवादी नज़ीर

BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच ने पत्रकार इफ्तिखार गिलानी और प्रोफेसर एसएआर गिलानी को दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा अवैध नज़रबंदी की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इससे साफ जाहिर हो जाता है कि कांग्रेस सरकार हर कश्मीरी को आतंकवादी ही मानती है. चाहे वह न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करार क्यों न दे दिया गया हो.

रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह से इन दो नामचीन लोगों को देश की राजधानी में अवैध तरीके से अगवा कर सकती है तो भारतीय सुरक्षा बल कश्मीर में किस तरह से आम जनता पर जुल्म ढाते होंगे. उन्होंने मांग की कि सरकार इस प्रकरण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे कि क्यों दिल्ली पुलिस द्वारा न्यायालय द्वारा बरी हो चुके व्यक्ति के साथ आरोपी की तरह व्यवहार किया जाता है. क्या दिल्ली की स्पेशल सेल जो अपने सांप्रदायिक और आपराधिक कार्यशैली के लिए बदनाम हो चुकी है वह न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह है या फिर वह संघ पीरवार के प्रति जिम्मेदार है जो हर कश्मीरी को आतंकवादी बताती है.

Photo Courtesy: (AP Photo/Dar Yasin)

रिहाई मंच ने अफज़ल गुरु की फांसी को काग्रेस द्वारा भाजपा से सांप्रदायिक हिंदू वोट बैंक छीनने और चुनाव की तैयारी के लिए की गई एक राजनीतिक हत्या करार देते हुए कहा कि इससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस 2014 के चुनाव में टेरर पॅालिटिक्स करेगी जिसके तहत वह फर्जी मुठभेड़ों और कथित आतंकी विस्फोटों से भी गुरेज नहीं करेगी.

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