लियाकत की फर्जी गिरफ्तारी मामले की हो जांच

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BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के रिहाई मंच (Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism) ने दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा पाकिस्तान से आत्मसमपर्ण करने आ रहे लियाकत शाह की गिरफ्तारी को फर्जी और देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश क़रार देते हुये मामले में शामिल दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर पूरे मामले की जांच की मांग की है. साथ ही लियाकत शाह की गिरफ्तारी पर सपा सरकार से भी अपनी स्थिति साफ करने की मांग की है कि क्या यह गिरफ्तारी बिना प्रदेश सरकार की जानकारी के हुई या दिल्ली पुलिस ने उसे बिना बताये यह गिरफ्तारी दिखाई.

Liyakat Shah's fake arrest by Delhi Crime branch

रिहाई मंच के महासचिव और पूर्व पुलिस महानिरिक्षक एस आर दारापुरी ने कहा कि लियाकत आत्मसमपर्ण करने के लिये पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते जम्मू कश्मीर आ रहा था जिसकी जानकारी जम्मू कश्मीर पुलिस को भी थी और उसने प्रत्यपर्ण के लिये आवेदन भी दिया था. ऐसे में दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा उसे गिरफ्तार दिखाना और दिल्ली में विस्फोट करने की कहानी गढ़ना आईबी और दिल्ली क्राइम ब्रांच की देश में असुरक्षा का माहौल बनाने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है.

उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिये कि कैसे गोरखपुर से दिल्ली पुलिस आकर किसी को गिरफ्तार कर सकती है. उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिये कि क्यों दिल्ली पुलिस ने यह गिरफ्तारी यूपी से दिखाई, क्या दिल्ली पुलिस और अखिलेश सरकार के बीच फर्जी गिरफ्तारियों की कोई रणनीति बनी है क्योंकि सपा के एस साल के शासन में जिन तीन लोगों सीतापुर के शकील और आज़मगढ़ के जामेतुर्रफलाह मदरसे में पढ़ने वाले दो कश्मीरी छात्रों वसीम बट और सज्जाद बट को आतंकवाद के झूठे आरोप में पकड़ा गया इन तीनों की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस और दिल्ली एटीएस ने ही दिखाई.

रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शुऐब ने प्रेस परिषद के अध्यक्ष मारकण्डेय काटजू से अपील की कि इस मामले में हिंदी चैनलों पर दिखाए जा रही भ्रामक ख़बरों पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करें. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात की भी जांच कराए कि जब यह तथ्य सामने आ चुका था कि लियाकत आत्मसमर्पण करने के लिए यहां आया था तब दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किस तरह से हाजी अराफात गेस्ट हाउस दिल्ली में हथियार रखवाया.

उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में आईबी की भूमिका की भी जांच कराने की मांग की कि हाजी अराफात गेस्ट हाउस से बरामद दिखाया गया हथियार कहां से आए थे, जिसे दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जब्त करने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि दिल्ली क्राइम ब्रांच किस तरह आतंकवाद के फर्जी मामले बनाकर देश में असुरक्षा का माहौल बनाती है. ऐसे में ज़रुरी हो जाता है कि दिल्ली को अपराध मुक्त बनाने में विफल हो चुकी और फर्जी मामलों में फंसाने और बाटला हाउस जैसे फर्जी मुठभेड़ में बदनाम हो चुकी इस एजेंसी को तत्त्काल भंग किया जाय.

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