BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : लियाकत शाह की दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा फर्जी गिरफ्तारी और होली के दौरान आतंकवाद के नाम पर देश में असुरक्षा का माहौल बनाने व हिंन्दुओं और मुसलमानों के बीच कटुता बढ़ाने की दिल्ली क्राइम ब्रांच और आईबी की आपराधिक कोशिशों के खिलाफ़ आज रिहाई मंच ने लखनऊ विधानसभा के सामने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच व आईबी का पुतला फूंका. इस दौरान एलआईयू के इंस्पेक्टर केके सिंह ने वहां मौजूद मीडिया फोटोग्राफरों को आईबी और दिल्ली क्राईम ब्रांच के पुतला दहन की तस्वीर खींचने से मना किया और कहा कि आईबी और क्राइम ब्रांच का पुतला फूंकना संविधान के खिलाफ है, जिसे मीडिया नहीं छाप सकती.
रिहाई मंच ने प्रदेश सरकार से उसके एलआईयू विभाग के इंस्पेक्टर केके सिंह को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए कहा कि वो बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को एक तरफ छोड़ने की बात करती है दूसरी तरफ इसकी मांग करने वालों की बातों को मीडिया में भी आने से रोकती है. यह घटना इस बात की तस्दीक करती है कि किस तरह खुफिया और पुलिस एजेंसियां मीडिया को मैनेज कर पुलिस और आईबी के खिलाफ खबरों को दबातीं है और मुसलमानों के खिलाफ भ्रामक खबरों को प्रसारित करवाती हैं
पुतला दहन से पहले मौजूद वक्ताओं ने कहा कि होली के त्योहार को लेकर जिस तरह लियाकत शाह का मामला फर्जी साबित हुआ और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच अपने को बचाने में लगी है, उसने यह साफ कर दिया है कि देश में जिस आईबी और पुलिस की विशेष एजेंसियों को देश की सुरक्षा का जिम्मा मिला है वो देश के नागरिकों में असुरक्षाबोध पैदा करने के साथ-साथ वो हिन्दुओं और मुसलमानों को लड़ाने की भी कोशिश कर रही हैं. इस पूरी कोशिश के पीछे वही सांप्रदायिक राजनीति काम कर रही है जिसके तहत पिछले दिनों अफ़ज़ल गुरु को फांसी दी गई. क्योंकि सवाल उठता है कि जब लियाकत शाह खुद प्रत्यर्पण करने के लिए आ रहा था तो वह भला कैसे अफजल गुरु की फांसी का बदला लेने के लिए होली के त्योहार पर दिल्ली में धमाकों की साजिश रच सकता था. क्योंकि वो लगातार जम्मू-कश्मीर पुलिस और आईबी के संपर्क में था. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच लियाकत को एक नया अफजल गुरु बनाने की फिराक में थी, क्योंकि ठीक इसी तरह अफजल भी एक प्रत्यर्पित चरमपंथी था जिससे बाद में आईबी ने जबरन मुखबिरी कराई और बाद में खुद उसे आतंकी साजिश में लिप्त दिखाकर फांसी के फंदे तक पहुंचा दिया.
वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली के हाजी अराफात गेस्ट हाउस में असलहों के बैग का मिलना और एक संदिग्ध व्यक्ति का सीसीटीवी फुटेज मिलना एक अहम जांच का विषय है कि दिल्ली क्राइम ब्रांच जिन 6 व्यक्तियों को बता रही है वे कहां हैं. क्योंकि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच उनके नाम पर किसी को भी फर्जी तरीके से गिरफ्तार या फिर फर्जी एनकाउंटर कर सकती है. दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा हाजी अराफात गेस्ट हाउस से जब्त किए गए विस्फोटकों और हथियारों की जांच हो कि किस तरह से दिल्ली क्राइम ब्रांच और आईबी ने यह साजिश रची कि होली के त्योहारों पर आतंकी फिदायनी हमला करना चाहते है.
होली जैसे सौहार्द के बड़े त्योहार पर दिल्ली क्राइम ब्रांच और आईबी द्वारा बनाए गए इस झूठ ने पूरे देश का माहौल खराब कर दिया है. ऐसे में इन सभी जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मुक़दमा दर्ज करते हुए तत्काल गिरफ्तार किया जाए क्योंकि ये सबूतों को मिटा सकते हैं. क्योंकि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने हाजी अराफात गेस्ट हाउस से जिस सीसीटीवी फुटेज को जब्त करने का दावा किया वो कैसे मीडिया के हाथ लगा.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा अपने को बचाने के लिए जिस तरह दिल्ली में आतंकी साजिश होने का मीडिया ट्रायल करवा रही है उसे तत्काल रोका जाय. क्योंकि होली के त्योहार पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा कराए जा रहे इस मीडिया ट्रायल से देश में शांति-सुरक्षा और भाईचारे को खतरा हो सकता है.
रिहाई मंच ने कहा कि लियाकत शाह के मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारी सरकारें आतंकवाद के खात्मे में नहीं बल्कि उसके नाम पर राजनीति करने में दिलचस्पी रखती हैं. जम्मू-कश्मीर में लियाकत जैसे जो भी लोग वापस आते हैं या तो वे मजबूरी में पुलिस के लिए मुखबिरी करते हैं या फिर कभी इसी तरह की झूठी वारदातों में गिरफ्तार कर लिए या फिर फर्जी एनकाउंटरों में मार दिए जाते हैं. जिससे सरकार के उग्रवादियों के आत्मसमपर्ण और पुर्नवास नीति पर गंभीर सवाल उठता है. पुतला दहन मे सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इडिया के प्रदेश अध्यक्ष मो. आफाक, ऑल इंडिया मुस्लिम फोरम के डा. आफताब अहमद, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के अबूजर, मो शुऐब, हाजी अहमद हुसैन, मो. रियाज, गुड्डू, मो. इरफान, मो. नियाज, गुफरान सिदिद्की, सैफ, मोहम्मद शफहत, राजीव यादव, शाहनवाज आलम इत्यादि उपस्थि थे.