BeyondHeadlines News Desk
नई दिल्ली: वेल्फ़यर पार्टी ऑफ इंडिया ने आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार खालिद मुजाहिद की पुलिस हिरासत में मौत को हत्या करार देते हुए मांग की है कि अखिलेश सरकार खालिद मुजाहिद के परिवार को एक करोड़ का हर्जाना दे साथ ही इन सभी पुलिस अधिकारियों को जो खालिद मुजाहिद को फैजाबाद से लखनऊ ले जा रहे थे, तत्काल गिरफ्तार करके उनके खिलाफ हत्या का मुक़दमा कायम करे.
वेल्फ़यर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. कासिम रसूल इलियास ने एक प्रेस बयान में कहा कि खालिद मुजाहिद की हृदय गति बंद हो जाने के कारण मौत नहीं हुई, बल्कि पुलिस ने उसकी हत्या है. फैजाबाद कोर्ट में पेशी के बाद वापसी पर उसे बेरहमी से मारा गया जिसके निशान उसके चेहरे और शरीर बिल्कुल स्पष्ट थे.
वेल्फ़यर पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव के अनुसार निमेष आयोग की रिपोर्ट मेंखालद मुजाहिद और तारिक कासमी की रिहाई अब जबकि निश्चित हो गई थी और इन पुलिस अधिकारियों की गर्दन फंसने वाली थी जिन्होंने उस पर झूठा मुकदमा किया था. इससे पहले खालिद मुजाहिद की रिहाई प्रक्रिया में आती उसे मार दिया गया ताकि न रहे बांस और न बजे बांसुरी.
डॉ. इलियास ने मांग की है कि तारिक़ कासमी और हिरासत में मौजूद अन्य निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को यूपी के साम्प्रदायिक पुलिस के बजाय पारा मिलिट्री फोर्स की हिरासत में दिया जाए और जल्दी उनकी रिहाई सुनिश्चित हो.
वेल्फ़यर पार्टी ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी की सरकार मुसलमानों की रक्षा करने में बुरी तरह विफल हो चुकी है. एक साल से कम समय में राज्य में दो सौ से अधिक दंगे हो चुके हैं जिसमें मुसलमानों का बहुत जानी व माली नुकसान हुआ है और अब हिरासत में मौजूद निर्दोष मुस्लिम नौजवानों की जिंदगी को भी भारी जोखिम पैदा हो गया हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि अगर यह जारी रहा तो राज्य की जनता सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आएंगे.
