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आइपीएल में बीसीसीआइ प्रमुख श्रीनिवासन का खेल…

Anurag Bakshi for BeyondHeadlines

जिस तरह किसी को भी यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी, उसी तरह यह भी नहीं सोचा जाना चाहिए कि श्रीनिवासन के बीसीसीआइ प्रमुख रहते क्रिकेट बोर्ड पारदर्शी और आइपीएल साफ-सुथरा हो सकेगा.

नैतिकता को ताक पर रखने के मामले में मनमोहन और श्रीनिवासन में अद्भुत समानता देखी जा सकती है. एक अपनी निष्क्रियता से अनैतिकता को प्रश्रय दे रहा है और दूसरा अपनी सक्रियता से… हालांकि यह साफ हो चुका है कि अपने भ्रष्ट मंत्रियों को क्लीन चिट देने वाले मनमोहन सिंह ने कानून मंत्री और अपने एक संयुक्त सचिव के ज़रिये कोयला घोटाले की जांच रपट बदलवाई. लेकिन कोई भी कांग्रेसी उनके खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं.

ऐसी ही स्थिति श्रीनिवासन की भी है. वह हर तरह की मनमानी कर रहे हैं. लेकिन कोई भी, यहां तक कि दिग्गज पूर्व क्रिकेटर भी उनके खिलाफ मुंह खोलने में लजा रहे हैं.

BCCI chief Srinivasan's game in IPL

यह साफ है कि वह आइपीएल टीमों के मालिकों-संचालकों पर कोई जिम्मेदारी डालने के लिए तैयार नहीं. यह बहुत आसानी से समझा जा सकता है कि बीसीसीआइ ऐसा क्यों नहीं करना चाहती?

यदि बीसीसीआइ आइपीएल टीमों के मालिकों को जवाबदेह बनाएगी तो खुद उसके प्रमुख श्रीनिवासन को भी जवाबदेही लेनी होगी, क्योंकि वह चेन्नई सुपर किंग्स के भी मालिक हैं.

समस्या केवल इतनी भर ही नहीं है. यह वही सज्जन हैं जिन पर चेन्नई सुपरकिंग्स को लाभ दिलाने के लिए खिलाड़ियों की नीलामी के नियमों में हेरफेर करने के आरोप हैं. इन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धौनी को अपनी एक कंपनी का निदेशक भी बना दिया है. क्रिकेट का थोड़ा-बहुत भी जानकारी रखने वाले यह जानते होंगे कि टीम के चयन में कप्तान की भी भूमिका होती है.

क्या यह अजीब नहीं कि टीम के चयन में वह खिलाड़ी भी भागीदार बने जो उस आइपीएल टीम का कप्तान है, जिसका मालिक बीसीसीआइ प्रमुख भी है?

यह सबको पता है कि सट्टेबाजी कालेधन के कारोबार का ही एक रूप है. लेकिन इसी के साथ यह जानने की भी ज़रूरत है कि आइपीएल टीमों के कई संचालकों पर विदेशी मुद्रा संबंधी नियमों-फेमा-के उल्लंघन के आरोप हैं. शायद सबको याद आ रहा होगा कि अभी हाल में प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने प्रिटी जिंटा से आठ घंटे तक पूछताछ की.

विभिन्न नियम-कानूनों के उल्लंघन को लेकर ऐसे ही जुर्माने बीसीसीआइ पर भी लगाए जा चुके हैं. आयकर विभाग ने बीसीसीआइ पर 1300 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा रखा है तो सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने 200 करोड़ का…

प्रवर्तन निदेशालय भी फेमा उल्लंघन के सिलसिले में बीसीसीआइ को एक दर्जन नोटिस भेजने के साथ 1500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है. इस सबके अलावा प्रतिस्प‌र्द्धी आयोग ने भी इस संस्था पर 52 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक रखा है.

बीसीसीआइ राष्ट्रीय टीम का चयन करती है. लेकिन खुद को निजी संस्था बताती है और न तो सूचना अधिकार के तहत आने को तैयार है और न ही स्पो‌र्ट्स बिल के तहत… श्रीनिवासन इंडिया सीमेंट के एमडी हैं और हाल में सीबीआइ ने आंध्र के विवादास्पद नेता जगनमोहन रेड्डी की आय से अधिक संपत्ति मामले में उनसे पूछताछ की थी. सीबीआइ को शक है कि श्रीनिवासन ने जगनमोहन की कंपनियों में निवेश कर रखा है. सीबीआइ उनके यहां से 11 कारें जब्त कर चुकी हैं, क्योंकि उसे शक था कि वे टैक्स चुकाए बगैर विदेश से मंगाई गई थीं. क्या आप इन महाशय से यह उम्मीद कर रहे हैं कि वह आइपीएल को साफ-सुथरा बनाएंगे?

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