BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : खालिद मुजाहिद के हत्यारोपी पुलिस व आईबी के अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट को तत्काल जारी करने, आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को तत्काल रिहा करने व आतंकवादी घटनाओं में खुफिया विभाग की भूमिका की जांच की मांग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना आज चौथे दिन भी जारी रहा.
धरने को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद व माकपा नेता सुभाषिनी अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों को बचाने की पुरजोर कोशिश में है. इसीलिए हफ्ता भर बीत जाने के बाद भी न तो खालिद की हत्या में आरोपी बनाए गए पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है और न ही निमेष कमीशन की रिपोर्ट जिसने तारिक और खालिद की गिरफ्तारी को फर्जी बताते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाई की सिफारिश की है को ही जारी किया जा रहा है.
उन्होंने सपा सरकार पर भाजपा के साथ सांठ-गांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो उनकी सरकार वरुण गांधी पर से मुक़दमा हटवाती है तो वहीं दूसरी ओर मुसलमानों को बेवकूफ बनाने के लिए अपने उसी मुस्लिम मंत्री रियाज अहमद जो वरुण गांधी के सहयोग से ही चुनाव जीत कर आएं हैं को अजमेर शरीफ में चादर चढ़ाने के लिए भेजती है.
सुभाषिनी अली ने कहा कि माकपा के सांसद संसद में खालिद की हत्या की सीबीआई जांच जल्द से जल्द शुरु करने व निमेष कमीशन की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की आवाज़ उठाएंगे.
पूर्व सांसद इलियास आज़मी ने कहा कि आखिर क्या वजह है कि सपा जब भी हुकूमत में आती है सांप्रदायिक दंगे ज़रुर होते हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने के सवाल पर तथाकथित सेक्युलर सपा और भाजपा में आम राय बन गई है. इसीलिए मुलायम सिंह सिर्फ बेगुनाहों को छोड़ने का वादा कर रहे हैं उसे पूरा करना उनके एजेंडे में नहीं है.
नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अरशद खान ने कहा कि उनकी पार्टी खालिद की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़गी. उन्होंने कहा कि शहीद मौलाना खालिद को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि 2014 में सपा को प्रदेश की जनता उखाड़ फेंके.
अनिश्चित कालीन धरने को समर्थन देने आए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एसआईओ के नेता ओसामा ने कहा कि खालिद की हत्या से साफ हो गया है कि सपा के पास मुस्लिम युवाओं के लिए किस तरह का खौफनाक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि खालिद की हत्या से मुसलमानों में जो रोष पैदा हुआ है वह मदरसा शिक्षकों की भर्ती या वजीफे से शांत नहीं होने जा रहा है.
वरिष्ठ साहित्यकार और जन संस्कृति मंच के भगवान स्वरुप कटियार ने कहा कि पूरे प्रदेश में कमजोर तबकों के खिलाफ राज्य हमलावर हो गया है. इसीलिए सपा हूकूमत के खिलाफ अल्पसंख्यको, वंचित तबकों और तमाम प्रगतिशील ताकतों को एक साथ खड़ा होना होगा.
वहीं ताहिरा हसन ने कहा कि खालिद मुजाहिद की हत्या का सवाल सिर्फ मुसलमानों के साथ नाइंसाफी का सवाल नहीं यह लोकतंत्र की रक्षा का सवाल है जो खालिद के हत्यारे दोषी पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी से सुनिश्चित होगा.
आईपीएफ नेता दिनकर कपूर ने कहा कि जिस तरह पिछली सपा हुकूमत में मऊ, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, पडरौना और कुशीनगर के दंगों तथा मौजूदा सरकार में सत्ताइस बड़े दंगों और अब खालिद मुजाहिद की हत्या हुयी है, उससे साफ हो गया है मुलायम का हाथ मुसलमानों के खून से रंगा हुआ है. इसलिए मुस्लिम समाज 2014 में वोट देने से पहले अपने जख्मों को ज़रुर याद करेगा.
धरने के समर्थन में बरेली से आए प्रतिनिधिमंडल शफीक अहमद, मुजाहिद रजा खान, अहमद अजीज खान, सैयद इकराम हुसैन और मोहम्मद जुनैद फलाही ने कहा कि उन्होंने एक साल में बरेली में दो राज्य प्रायोजित दंगे झेले हैं. जिसमें सबसे ज्यादा नुक़सान मुसलमानों को हुआ है. दंगाई आज भी खुलेआम घूम रहे हैं.
धरने के दौरान सोशलिस्ट फ्रंट की तरफ से सपा के मुस्लिम विधायकों और सांसदों का पुतला भी फूंका गया.
सभा को रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब, फैजाबाद से आए जनमंच के नेता दिनेश सिंह, नेलोपा नेता चौधरी चन्द्र पाल सिंह, चौधरी मेहरबान अली, अशफाक अहमद, अजय सिंह, रिहाई मंच इलाहाबाद के प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह, जौनपुर के जुबैर अहमद, रिहाई मंच के महासचिव व पूर्व पुलिस महानिरिक्ष एसआर दारापुरी, एसआईओ के मो. आसिफ, सलमान, मोहम्मद राफे, सैयद मोईद, आफाक, शहजादे, इलाहाबाद से आए मोहम्मद आरिफ, अनिल आजमी, तारिक शफीक, हरे राम मिश्र, रियाज अहमद अल्वी, जमीर अहमद, मुसाहिद खान, शाहनवाज आलम, राजीव यादव ने संबोधित किया.