Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
दिल्ली में हुए विकास के बल पर भले ही शीला दीक्षित चौथी बार सत्ता पर काबिज़ होने का ख्वाब देख रही हों, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि खुद उनके इलाके में पिछले एक साल से विकास से जुड़ा न कोई काम हुआ है और न ही उन्हें विकास के नाम पर कोई फंड मिला है.
राजनीतिक दल वेल्फेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. क़ासिम रसूल इलियास को साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन से मिले आरटीआई के दस्तावेज़ के मुताबिक इस कारपोरेशन के गठन से लेकर 31 जनवरी, 2013 तक शीला दीक्षित को कोई धन-राशि नहीं मिली है, जिससे वो विकास कार्य करा सकें. सिर्फ शीला दीक्षित ही नहीं, बल्कि उनके साथ भाजपा विधायक सत प्रकाश राणा, करण सिंह तंवर, अरविन्दर सिंह, प्रेम सिंह और डॉ. एस.सी.एल. गुप्ता के नाम भी फहरिस्त में शामिल हैं, जिन्होंने विकास मद में कोई पैसा नहीं लिया है.
वहीं इस कारपोरेशन क्षेत्र के 27 विधायकों में सबसे ज्यादा फंड ओखला के विधायक मो. आसिफ खान को मिला है. उन्हें साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन से उसके गठन से लेकर 31 जनवरी, 2013 तक 426.98 करोड़ की धन-राशि विकास कार्य के लिए दिया गया है. लेकिन विकास का सच यहां की पब्लिक बखूबी जानती है.
वेल्फेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. क़ासिम रसूल इलियास कहते हैं कि आरटीआई से मिले दस्तावेज़ से यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री व दिल्ली के अन्य विधायकों के सामने अपने इलाके के विकास का कोई न कोई विज़न है और न कोई प्लानिंग. और न ही उन्हें इसमें कोई दिलचस्पी है.
आरटीआई के दस्तावेज़ के मुताबिक पिछले एक साल में 4692.5 करोड़ रूपये विकास कार्य के लिए साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन क्षेत्र के 27 विधायको को दिया गया है. हम सभी जानते हैं कि दिल्ली में चुनाव सर पर हैं और अगर ऐसे में शीला व भाजपा के विकास का यह चेहरा आम आदमी को समझ में आ गया तो भारी-भरकम दावों की धज्जियां उड़ सकती हैं.