Ilyaskhan Pathan for BeyondHeadlines
राजकोट : केंद्र सरकार की प्री- मेट्रीक्यूलेशन स्कॉलरशिप स्कीम के तहत लघुमति (मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, पारसी, बौद्ध) समाज के छात्रों को शैक्षणिक अभ्यास के लिए दी जाने वाली स्कॉलरशिप से गुजरात के लघुमति समुदाय के छात्रों को वंचित रखने हेतु गुजरात सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के विरोध में बुधवार को वांकानेर (जिला राजकोट) में विधाल रैली निकली गई.
रैली के बाद स्थानीय एक्जक्यूटिव मजिस्ट्रेट को आवेदन-पत्र दिया गया, जिसमें गुजरात सरकार की प्री- मेट्रीक्यूलेशन स्कॉलरशिप की योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका को वापस लेने की मांग की गई. इस रैली मे स्थानीय विधायक मोहम्मद जावेद पीरजादा हज़ारों छात्र शामिल हुए.
यह उल्लेखनीय है कि प्री- मेट्रीक्यूलेशन स्कॉलरशिप स्कीम का गठन 2008 में देश के लघुमति समुदाय के छात्रों को शैक्षणिक अभ्यास के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करने के लिए किया गया था. इस योजना के अंतर्गत जिस परिवार की वार्षिक आय 1 लाख से कम हो, उस परिवार के विद्यार्थियो को कक्षा-1 से 10 तक नियमानुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराइ जाती है, परन्तु पिछले कई समय से गुजरात सरकार के नकारात्मक रवैये से गुजरात के लघुमति समुदाय के छात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
इस असवर पर विधायक शकील पीरजादा ने बताया कि “प्री- मेट्रीक्यूलेशन स्कॉलरशिप स्कीम गुजरात राज्य में अमल न होने तथा गुजरात सरकार की लघुमति समुदाय के लिए उदासिनता पर गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी और उस याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट के पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला देकर गुजरात सरकार की उस दलील को ख़ारिज कर दिया गया था, जिसमें प्री- मेट्रीक्यूलेशन स्कॉलरशिप स्कीम को भेदभाव से भरी योजना बताया गया था. साथ ही बेंच ने गुजरात सरकार को इस योजना का अमल करने का आदेश भी किया था. परन्तु गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले को नज़रअंदाज करके हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिससे खुद गुजरात सरकार की भेदभाव से भरी नीति स्पष्ट हो चुकी है. इसे गुजरात की लघुमति समुदाय कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. ”
