India

अखिलेश सरकार से रिहाई मंच का 14 सूत्रीय मांग पत्र

BeyondHeadlines News Desk

खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार द्वारा एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रिहाई मंच आज अपने धरने के पच्चीसवें दिन मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार को एक 14 सुत्रीय मांग पत्र भेजा है.

14 points demands of rihai manch to akhilesh govt इस पत्र में रिहाई मंच ने लिखा है कि आपको दिनांक 22 मई 2013 को ज्ञापन के माध्यम से एक मांग पत्र सौंपा गया था, लेकिन हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसलिए हम लोगों को अपनी मांग के समर्थन में आयोजित धरने को अनिश्चित कालीन धरने एवं क्रमिक उपवास में तब्दील करना पड़ा. आपके द्वारा नियुक्त जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की मांग पर हम पुनः अनिश्चित कालीन धरने के पच्चीसवें दिवस पर यह ज्ञापन पुनः प्रेषित कर रहे हैं. इस मांग पत्र में रिहाई मंच ने  निम्नलिखित मांग अखिलेश सरकार से की है:-

1- खालिद मुजाहिद के चचा ज़हीर आलम फलाही द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नामजद विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झा, चिरंजीवनाथ सिन्हा, एस आनंद एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को जो 22 दिसंबर 2007 को खालिद मुजाहिद और तारिक कासमी की फर्जी गिरफ्तारी के साजिशकर्ता हैं और दिनांक 19 मई 2013 को खालिद को ले जा रहे पुलिस स्कोर्ट को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट किया जाय, तथा आईबी समेत सभी दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करके कानूनी कार्यवाई शुरु की जाए.

2- मौलाना खालिद मुजाहिद और हकीम तारिक़ कासमी को निर्दोष साबित करने वाली आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट को एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ तत्काल विधानसभा पटल पर रखते हुए राष्ट्र की सुरक्षा के मद्देनजर सुनिश्चित किया जाय कि दोषी पुलिस एवं आईबी अधिकारियों को तत्काल टर्मिनेट करते हुए गिरफ्तार किया जाय. इस पूरे प्रकरण की पुर्नविवेचना जांच सुनिश्चित की जाय.

3- आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट के हवाले से यह साफ हो गया है कि मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद और लखनऊ जेल में बंद हकीम तारिक कासमी की गिरफ्तारी संदिग्ध है तो उनकी गिरफ्तारी के समय विस्फोटक सामग्री की बरामदगी का दावा जो यूपी एसटीएफ द्वारा किया गया वह कहां से आया, इसके लिए जिम्मेदारों की दोष सिद्धि के लिए उच्च स्तरीय जांच कराई जाय.

4- मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या इस बात की पुष्टि करती है कि सरकारी जांच एजेंसियों एसटीएफ-एटीएस और आतंकी संगठनों में गठजोड़ है जो खालिद मुजाहिद की रिहाई को लेकर भयभीत थे जिसके चलते मौलाना खालिद की हत्या कर दी गई ऐसे में कचहरी धमाकों (वाराणसी, फैजाबाद, लखनऊ), गोरखपुर, रामपुर सीआरपीएफ कैंप कांड, संकटमोचन-कैन्ट वाराणसी, दश्वाश्वमेध घाट, साबरमती और श्रमजीवी एक्सप्रेस, समेत यूपी में हुई समस्त कथित आतंकी घटनाओं का पुर्नविवेचना करायी जाय. जिससे खुफिया एजेंसियों, एटीएस और आतंकी संगठनों का गठजोड़ सामने आ सके.

5- सन 2000 के बाद से घटित उन सभी कथित आतंकी घटनाओं और तथाकथित आंतकवादियों की विस्फोटक पदार्थों और असलहों सहित पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मामलों की पुर्नविवेचना करायी जाय जिनमें पुलिस द्वारा बरामदगी की गवाही दी गई है, और उनमें निष्पक्ष स्वतंत्र गवाह नहीं है. क्योंकि निमेष कमीशन रिपोर्ट से साबित हो गया है कि पुलिस द्वारा फर्जी गिरफ्तारी और विस्फोटक पदार्थों की बरामदगी फर्जी बनाई जाती रही है.

6- सपा सरकार अपने चुनावी वादे के मुताबिक आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों से संबधित मामलों की पुर्नविवेचना कराकर उन्हें तुरन्त रिहा करे.

7- कथित आतंकवाद के नाम पर जेलों में कैद अन्य मुस्लिम युवकों की सुरक्षा की गारंटी देते हुए सुरक्षा सुनिश्चित की जाय.

8- मौलाना खालिद से संबंधित की फर्जी गिरफ्तारी मु0अ0 संख्या 1891/2007 कोतवाली बाराबंकी और हत्या से संबंधित मु0अ0संख्या 295/2013 कोतवाली बाराबंकी के संबन्ध में सीबीआई जांच आज तक शुरु नहीं की गई, जिसकी वजह से सबूतों के साथ छेड़-छाड़ शुरु हो गई है। शासन एवं प्रशासन के स्तर पर जनसंचार साधनों के माध्यम से मीडिया ट्रायल करके जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। न्यायहित में यह आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश सरकार सीबीआई को समस्त तथ्यों को प्रेषित करते हुए तत्काल सीबीआई जांच कराने की जवाबदेही सुनिश्चित करे.

9- गृह सचिव, बाराबंकी जिलाधिकारी और सरकारी वकील द्वारा बाराबंकी न्यायालय में मौलाना खालिद मुजाहिद और हकीम तारिक कासमी पर से मुकदमा वापसी की प्रक्रिया में जानबूझकर की गई आपराधिक साजिश जिसकी वजह से रिहाई संभव नहीं हो पाई और मौलाना खालिद की बाराबंकी में हत्या भी हो गई. ऐसे में इन सभी शासन व प्रशासन के अधिकारियों को जांच के दायरे में लाया जाए और सरकार की तरफ से तत्काल कार्यवाई का किया जाना सुनिश्चित हो.

10- मौलाना खालिद मुजाहिद और तारिक कासमी की 22 दिसंबर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन से की गई फर्जी गिरफ्तारी और 18 मई 2013 को मौलाना खालिद की बाराबंकी में की गई हत्या से यह स्पष्ट होता है कि इस हत्या के तार बाराबंकी से गहरी तौर पर जुड़े हैं। ऐसे में दिसंबर 2007 और मई 2013 के दौरान बाराबंकी के पूरे प्रशासनिक अमले को जांच के दायरे में लाया जाए.

11- 12 दिसंबर 2007 को आजमगढ़ से मौलाना तारिक कासमी और 16 दिसंबर 2007 को मौलाना खालिद मुजाहिद को मडि़याहूं से अपहरण करने के बाद उच्च पुलिस अधिकारी अमिताभ यश, एसटीएफ के अधिकारियों समेत अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा जिस तरीके से अमानवीय बर्बर उत्पीड़न किया गया और जिसके बारे में मौलाना खालिद ने शिकायत भी की थी, जिस पर अब तक कोई कार्यवाई नहीं हुई, ऐसे में इन दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की जाए.

12- मौलाना खालिद मुजाहिद को लगातार जेल और पेशी के दौरान जिस तरीके से एसटीएफ-एटीएस के इशारे पर स्कोर्ट द्वारा उत्पीडि़त किया जाता था और हत्या करने की धमकी दी जाती थी, और जिसकी शिकायत भी उनके वकीलों द्वारा लखनऊ, बाराबंकी और फैजाबाद के न्यायाधीशों को शिकायती पत्रों द्वारा अवगत कराया जाता था, पर इसके बावजूद कोेर्ट ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया और ना ही कोई कार्यवाई इन दोषी पुलिस वालों पर हुई, ऐसे में इन दोषी पुलिस अधिकारियों समेत लखनऊ, बाराबंकी और फैजाबाद के जिन न्यायाधीशों ने दोषियों को बचाया उनको भी जांच के दायरे में लाते हुए कार्यवाई की जाए.

13- खालिद की हत्या के बाद जिन पुलिस अधिकारियों ने तारिक कासमी से बाराबंकी कोतवाली में दबाव देकर झूठा बयान दिलवाया कि खालिद की तबीयत पहले से खराब थी (जिसको कि जेल प्रशासन और खालिद के वकील मो शुऐब ने इंकार किया है) उन सभी अधिकारियों को जांच के दायरे में लाते हुये कार्यवाई की जाए.

14- उत्तर प्रदेश के जितने युवक कथित आतंकवाद के नाम पर दूसरे राज्यों में बंद हैं उनके सुरक्षा व रिहाई की गारंटी उत्तर प्रदेश सरकार सुनिश्चित कराए.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]