India

विज्ञापन छपवा कर खुद को दूसरा अबुल कलाम आजाद घोषित करने वाले आज़म खान से सावधान रहें…

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना आज बीसवें दिन भी जारी रहा. आज क्रमिक उपवास पर रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हुए कथित आतंकी हमले में फंसाए गए मुरादाबाद के जंग बहादुर खान के बेटे शेर खान और कुंडा से फंसाए गए कौसर फारुकी के भाई अनवर फारुकी बैठे.

धरने को संबोधित करते हुए भागीदारी आंदोलन के नेता पीसी कुरील और भवरनाथ पासवान ने कहा कि खालिद मुजाहिद की हत्या, उस मनुवादी तंत्र ने करवाई है, जो अपनी सत्ता बचाने की ज़रुरत के हिसाब से कभी दलितों को राक्षस तो कभी सिक्खों को खालिस्तानी, तो कभी आदिवासियों को नक्सली कह कर जनसंहार करवाता रहा है.

Indefinite Dharna demanding Justice for khalid mujahid completes 20th day

सोशलिस्ट फ्रंट आफ इंडिया के मो0 आफाक, हाजी फहीम सिद्दीकी, मुस्लिम मजलिस के नेता जैद अहमद फारुकी और जुबैर जौनपुरी ने कहा कि बीस दिन से रिहाई मंच के लोग खालिद की हत्या में शामिल पुलिस वालों की गिरफ्तारी की मांग के साथ बैठे हैं, लेकिन सूबे की गूंगी बहरी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है, जो सपा हुकूमत के मुस्लिम विरोधी एजेंण्डे को उजागर करता है.

रिहाई मंच आज़मगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि सपा हुकूमत अपने और दूसरे मुस्लिम चेहरों को आगे करके खालिद के न्याय के सवाल को भटकाने की कोशिश कर रही है, जिससे आवाम को होशियार रहना होगा क्योंकि कई बार ऐसा हुआ है कि रहबर ही रहजन निकल गया है. उन्होंने आज़म खान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अख़बारों में जौहर विश्वविद्यालय का एक-एक पन्ने का इश्तेहार छपवाकर और अपने को दूसरा अबुल कलाम आजाद घोषित करके इस भ्रम में न रहे कि मुसलमान इस सूबे में हुए 27 दंगों और खालिद की हत्या को भूल जाएगा.

धरने को संबोधित करते हुए रिहाई मंच के अध्यक्ष मो0 शुएब ने कहा कि जिस तरह सरकार ने आतंकवाद के नाम पर बंद बेगुनाहों के सवाल पर मुसलमानों को धोखा दिया और भाजपा के नेताओं पर से मुक़दमें हटाए उससे तय हो गया है कि भाजपा और सपा के बीच सांप्रदायिक ध्रवीकरण कराने का एक गुप्त समझौता हो गया है.

धरने को संबोधित करते हुए रिहाई मंच इलाहाबाद मंडल के संयोजक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि खालिद की हत्या का सवाल सिर्फ मुसलमानों को सवाल नहीं है. इसके खिलाफ पूरे सूबे में चल रहा हमारा आंदोलन लोकतंत्र को बचाने का आंदोलन है. पूरे देश ही नहीं विदेशों से लोगों ने रिहाई मंच के आंदोलन के समर्थन में आवाज़ उठाई है और आने वाले दिनों में बहुत से बुद्धिजीवी हमारे इस आंदोलन के समर्थन में आएंगे. हम जनता से आह्वान करते हैं कि जम्मूहिरयत को बचाने की इस जंग में शामिल हों.

धरने का संचालन मो0 आरिफ ने किया. धरने को पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक मलिक, रिजवान, उस्मान अली, मुमताज इंटर कालेज के पूर्व प्रिन्सिपल इनायतुल्ला, राष्ट्रीय पिछडा समाज महासभा के राष्ट्रीय सचिव शिव नारायण कुशवाहा, मौलाना कमर सीतापुरी, शिवदास प्रजापति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आए अनिल आज़मी, मो0 आरिफ, देवेश यादव, मो0 शकीब, भारतीय एकता पार्टी के सैय्यद मोइद, शुएब, वकारुल हसन, सईद अहमद, अख्तर परवेज, शब्बीर अहमद, अब्दुल कादिर, मसीहुज्जमा, मुसन्ना, शाहनवाज आलम ने संबोधित किया.

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