India

यह राष्ट्र की सुरक्षा का सवाल है…

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना उन्नीसवें दिन भी जारी रहा. आज क्रमिक उपवास पर रिहाई मंच के इलाहाबाद के प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह बैठे.

दिल्ली से आईं पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की मेघा बहल ने कहा कि आज जिस तरह से निमेष कमीशन को लेकर पूरे देश में बहस हो रही है. ठीक इसी तरह 1987 में मलियाना दंगों के बाद कई कमीशन और इन्क्यारियां बैठाई गईं. जैसे सीबीआई जांच गंगा कैनाल अपहरण और हत्या कांड, श्रीवास्तव कमीशन, ज्ञान प्रकाश पैनल, सीबीसीआईडी इन्क्वारी जंगी सिंह डीआईजी पुलिस, आई प्रीजेन्स यूपी द्वारा विभागीय जांच, मजिस्टीरियल जांच एडीएम फतेहगढ़ श्री कृष्णा इन 6 जांचों के साथ भी राज्य सरकारों ने निमेष आयोग जैसा बर्ताव किया. जिन पुलिस वालों को बर्खास्त किया गया उनको बाद में प्रमोशन दे दिया गया. ऐसे में जब निमेष कमीशन ने दोषियों को दंडित करने की बात कही है और जिनमें कुछ पुलिस वालों को प्रमोशन भी मिल चुका है, तब यह स्थिति बहुत भयावह हो जाती है. इससे पूरे राज्य के तंत्र द्वारा मुसलमानों के प्रति भेद-भाव को संस्थागत रुप में देखा जा सकता है.

It is a question of national security

इलाहाबाद से आए हाईकोर्ट के अधिवक्ता फरमान नक़वी ने कहा कि अखिलेश यादव यह कहकर कि वो तो छोड़ना चाहते हैं लेकिन अदालत उनके अपील को खारिज कर दे रही है, मुसलमानों को गुमराह करने वाला है. क्योंकि जिस आधे-अधूरे मन से सपा सरकार ने बेगुनाहों की रिहाई की अपील बिना किसी ठोस और तार्किक दलील के दाखिल की उसमें कोर्ट को ऐसा ही फैसला सुनाना था, और यही अखिलेश सरकार चाहती भी थी.

धरने के समर्थन में बस्ती से आए सामाजिक कार्यकर्ता मज़हर आज़ाद ने कहा कि जब किसी मुसलमान या आदिवासी को पुलिस पकड़ती है तो कुछ मिनटों में ही आतंकवादी और माओवादी कह कर उसके विदेशी आतंकियों के साथ क्या सम्बंध थे, के पुख्ता प्रमाण कह कर ढोल पीटने लगती है पर जब वही बेगुनाह छूटता है तो क्यों नहीं सरकार बताती कि इन पुलिस वालों के किन आतंकी संगठनों से संबंध थे. आखिर जिस गोला-बारुद की बरामदगी का दावा पुलिस वालों ने किया वो कहा से आया था.

इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो0 सुलेमान और रिहाई मंच के अध्यक्ष मो0 शुऐब ने कहा कि सपा सरकार ने आरडी निमेष जांच आयोग पर अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट कैबिनेट में नहीं लाकर सरकार ने पूरे देश को असुरक्षित कर दिया है. क्योंकि खालिद के हत्यारोपी विक्रम सिंह, बृजलाल,  अमिताभ यश, मनोज कुमार झा जैसे दोषी पुलिस अधिकारियों पर निमेष अयोग जिस गंभीरता से सवाल उठाया है, वो साफ करता है कि इन पुलिस अधिकारियों ने किस तरह तारिक-खालिद के पास से आरडीएक्स और दूसरे विस्फोटक पदार्थ जो आतंकवादी इस्तेमाल करते हैं बरामद दिखाया. इससे साफ हो जाता है कि ऐसे तमाम विस्फोटकों तक पहुंच इन अधिकारियों की है, लिहाजा इनका खुला घूमना राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डालना और आतंकवाद को बढ़ावा देना होगा.

नेताओं ने कहा कि सपा सरकार जब तक आतंकवाद में संलिप्त पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं करती तब तक यह अनिश्चित कालीन धरना चलता रहेगा. क्योंकि यह राष्ट्र की सुरक्षा का सवाल है, जिसे हमे हर कीमत पर बचाना ही होगा.

धरने का संचालन अनिल आज़मी ने किया. धरने को रिहाई मंच के इलाहाबाद के प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय पिछडा समाज महासभा के राष्ट्रीय सचिव शिव नारायण कुशवाहा, कानपुर के मो0 आसिम, मक़बूल अख्तर, मसूद अख्तर, सोशलिस्ट फ्रंट के मो0 आफाक,, शिवदास प्रजापति, शीब्ली बेग, अहसानुल हक मलिक, पीसी कुरील, सैय्यद मोईद, मो0 आरिफ, देवेस यादव, मो0 शकीम, रामधनि, गुलाम रसूल, मो0 अब्बास, अनीस अहमद, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के इलियास, मेराज अहमद, जुबैर जौनपुरी, शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव ने संबोधित किया.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]