Ahmad Ansari for BeyondHeadlines
आज पहली बार भारत के इतिहास में भाजपा और मुसलमान एक साथ खुशियाँ मना रहे हैं! क्योंकि कल तक जो आडवाणी भाजपा व अपने समर्थकों के मार्गदर्शक हुआ करते थे, वही आज उनके दुश्मन बन गए हैं!
आज भाजपा कार्यालय और आडवाणी के घर के सामने प्रदर्शन कर रहे मोदी समर्थक को देख कर हंसी आ रही थी! ये वही समर्थक थे, जो कल तक आडवाणी के साथ थे. उनकी रथ यात्रा में जय श्री राम के नारे लगा रहे थे.1992 में बाबरी मस्जिद गिराने के लिये इसी आडवाणी ने उन्हें देश भर से इकठ्ठा किया था.
ये वही लोग थे जो अयोध्या में कभी यह नारा लगाया था… बच्चा बच्चा राम का, जन्म भूमि के काम का! और यही नारे लगाने वाले लोग आज आडवाणी का गन्दी गन्दी गलियां दे रहे हैं. आडवाणी के बारे में तरह तरह की बातें कह रहे हैं. बाबरी मस्जिद गिराने वाला यह आडवाणी आज भाजपा का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है…
हालांकि कई दिग्गज नेता आडवाणी जी को समझा रहे हैं कि मत रो आडवाणी जी! अब रोने से क्या होता है! जो होना था वो हो गया! अब चुपके से कांग्रेस से हाथ मिला लो! गुप्त समझौता कर लो! अपना इस्तीफा वापस ले लो! अगर नरेन्द्र मोदी को सच में प्रधानमंत्री बनने से रोकना है तो उसके साथ घुल मिलकर रहो. उसके साथ-साथ चलो… अभी भी वक़्त है! और चुनाव से कुछ दिन पहले बगावत कर दो, फिर देखो मजा!
आडवाणी जी का मैंने त्याग पत्र पढ़ा. पढ़ने के बाद बड़ा अफ़सोस हुआ. कितनी गन्दी राजनीति करते है भाजपा वाले! बहुत ही दोगले किस्म के लोग हैं. नरेन्द्र मोदी के समर्थक बूढों का आदर करना भी नहीं जानते… जिस बूढ़े ने पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा. शुरू से लेकर अब तक पार्टी को अपने दम पर आगे बढ़ाया उसी को लात मर कर निकाल दिया!
बेचारे आडवाणी का दर्द क्यों नहीं कोई समझ पा रहा है. एक बुढा बेचारा कहाँ जायेगा… जब मोदी के समर्थक आडवाणी जी के इस दर्द को नहीं समझ पा रहे हैं तो देश के दर्द को क्या खाक समझेंगे ये मोदी व उनके समर्थक….
(ये लेखक के अपने विचार हैं.)