बेगुनाह नौजवनों की माताओं की आह से तबाह होगी सपा सरकार

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BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार द्वारा एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना 23वें दिन भी जारी रहा. आज क्रमिक उपवास पर आज़मगढ़ के रिहाई मंच के नेता तारिक शफीक़ बैठे.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि सूबे की सत्ताधारी सपा सरकार ठंडे दिमाग़ से खालिद मुजाहिद प्रकरण पर जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. अखिलेश सरकार और उसके बाद दलाल उलेमाओं और आयातित मुस्लिम नेताओं के माध्यम से आगे खालिद की मौत को बीमारी बता रही थी और अब जेल प्रशासन और जेल के चिकित्सकों के बयान मीडिया में छपवाकर मीडिया ट्रायल कर रही है, जो सरकार के आपराधिक षडयंत्र की पोल खोलता है.

SP Govt is playing with the emotions of Muslims by influencing the investigation of Khalid murder

अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि उन्होंने अपने 40 वर्षीय राजनीतिक जीवन में मुसलमानों के किसी मसले पर इतने लंबे समय तक विधान सभा के सामने चलते हुए धरने को नहीं देखा.

यह अनिश्चित कालीन धरना मुस्लिम युवाओं की जिन्दगी बचाने की जंग है कि हमारे बेगुनाह बच्चे भारतीय लोकतंत्र में सुरक्षित रह सकें. उन्होंने कहा कि मेरठ से पकड़कर 43 मुसलमानों को पीएसी वालों ने कत्लेआम कर गाजियाबाद में इंडेन नदी में फेंक दिया था.

हैरत की बात है कि इस पर बने आयोग की रपट पर आज तक कोई कार्यवाई नहीं की गई. इससे समझा जा सकता है कि इस राज्य सत्ता ने हमसे हमारे न्याय के अधिकार से बेदखल कर दिया है.

धरने को संबोधित करते हुए आईयूएमएल के प्रदेश अध्यक्ष नजमुल हसन गनी ने कहा कि खालिद के हत्या की जिम्मेदारी पुलिस व प्रदेश सरकार की है. फैजाबाद में बेगुनाह युवकों का मुक़दमा लड़ने वाले वकीलों के भी हम साथ हैं जिन्होंने तमाम मुश्किलात के बावजूद न्याय के लिए अन्याय के खिलाफ़ इस मुहिम को अदालत के माध्यम से मज़बूती दे रहे हैं.

कानपुर से आए इश्तियाक अहमद अंसारी ने कहा कि मुसलमानों के वोट से सत्तारुढ़ हुई सपा सरकार अब मिल्लत फरोशी पर उतर आई है. सपा से अब कौम का एतबार अब हट रहा है. खालिद मुजाहिद पर सरकारी नाइंसाफी की गूंज पूरे सूबे में सुनाई देने लगी है. जो आगे चल करके सपा सरकार की विदाई का जरिया बनेगा.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से धरने के समर्थन में आए कानून के छात्र अंकित चौधरी ने कहा कि खालिद मुजाहिद के मामले में सरकार का रुख संविधान के दायरे को धता बताते हुए सैन्य शासन की तरफ निजाम को तब्दील करने की कोशिशों की बानगी है.

आज़मगढ़ रिहाई मंच के नेता मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि दिल्ली और लखनऊ में बैठी हुकूमतें जेलों में बंद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों के साथ इंसाफ नहीं कर रही हैं. मैं खुद ही आज़मगढ़ का रहने वाला हूं जहां से दर्जनों बेगुनाह नौजवानों को जेलों में ठूंसा गया है, उनके घरों की हालत तबाह हो चुकी है. अवसाद के चलते कई हार्ट अटैक हुए हैं. सरकार की पैतरें पूर्ण शिगूफेबाजी को पीडि़त परिवारों की माताओं की आह तबाह कर देगी.

सोशलिस्ट फ्रंट के मोहम्मद आफाक, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के अबू जर और कमरुद्दीन क़मर ने कहा कि अगर हम लड़ाई जालिम के खिलाफ लड़ रहे हैं तो ऐसे लोगों से कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए जो जालिमों के साथ खड़े हैं. अगर हम दावा करते हैं कि हम एक लोकतंत्र हैं. हमारी अदालते भी हैं, तो यह नज़र भी आना चाहिए कि हम सुरक्षित है और हमें न्याय मिल रहा है. लेकिन अफसोसनाक है कि ऐसा हो नहीं रहा है. खालिद के हत्यारों को गिरफ्तार करना तो दूर बल्कि उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है.

राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के पीसी कुरील और पिछड़ा महासंघ के एहसानुल हक़ मलिक ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के जो लोग सरकार में शामिल हैं वह भी 23 दिन से चल रहे अनिश्चित कालीन धरने तक आने की जहमत नहीं जुटा पा रहे हैं. क्योंकि ऐसे सभी लोगों का केवल एक मात्र धर्म है वह है मनुवादी धर्म सत्ता धर्म, इस धर्म के अनुयायियों से इंसाफ की उम्मीद करना बेमानी होगा. इन्हें इंसाफ के लिए मजबूर करना होगा. इस काम के लिए रिहाई मंच के आंदोलन को आगे बढ़ना पड़ेगा.

धरने का संचालन रिहाई मंच के इलाहाबाद जोन के प्रभारी व इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने किया. धरने को आज़मगढ़ रिहाई मंच के नेता आरिफ नसीम, जनवादी समता पार्टी के संजय विद्यार्थी, सोशनिलस्ट पार्टी के इमरान सिद्दीकी, सुरेन्र्  विक्रम सिंह, आईएनएल के मो0 समी, लक्ष्मण प्रसाद, तारिक शफीक, शिवदास प्रजापति, हरे राम मिश्रा, रिजवान, मौलाना कमर सीतापुरी, भंवरनाथ पासवान, मुस्लिम सियासी बेदारी फोरम के अघ्यक्ष डा0 अनीस, आमिर महफूज, सैय्यद मोइद, वकारुल हसनैन, शिफाअत अली, फैजाबाद मुस्लिम लीग के सचिव नूर आलम, प्रतापगढ़ से शमशेर अली और राजीव यादव ने संबोधित किया.

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