Amalendu Upadhyaya for BeyondHeadlines
भाजपा लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता व कानून की दुश्मन हैं. अपने को सेक्यूलर कहने वाली मायावती विक्रम सिंह व बृजलाल जैसे अधिकारियों से खालिद मुजाहिद, तारिक़ कासमी समेत अनेक मुस्लिम युवाओं की फर्जी गिरफ्तारियां करवाती रही हैं. तो वहीं मुसलमानों की हमदर्द बताने वाली सपा हुकूमत खालिद मुजाहिद जैसे बुगुनाहों की हत्या करने के लिए इस पुलिस अधिकारियों को खुली छूट दे रखी है.
आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व राजस्थान में आतंकवाद व नक्सलवाद के नाम पर कत्लेआम हो रहा है. इस उत्तर प्रदेश में जहां युवा मुख्यमत्री अखिलेश यादव 100 दिन तो कभी साल भर पूरे होने पर जश्न मनाते हैं लेकिन उस उत्तर प्रदेश के हालात ऐसे हैं कि 302 के मुल्जिम 6-6 महीने से अधिक समय बीत जाने में बाद भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं.
आईबी डायरेक्टर इब्राहिम ने बोध गया में धमाके करवाए. आतंकी वारदातों में आईबी का हाथ है. आईबी, हेडली व आरएसएस के बीच संबन्धों की जांच हो, क्योंकि यह सब आतंक के डबल एजेन्ट हैं. एक तो वो स्थानीय स्तर पर संचालित होते हैं दूसरे वो अमेरिका, इसराइल की मोसाद और सीआईए जैसी ऐजेसिंयों के लिए काम करते हैं. हेमन्त करकरे ने आरएसएस का हाथ उजागर किया था तो उनकी हत्या इन्हीं एजेंसियों ने मिलकर करवा दी.
(लेखक हस्तक्षेप डॉट कॉम के संपादक हैं. और यह लेख उनके द्वारा आज खालिद मुजाहिद के इंसाफ के लिए लखनऊ में चल रहे रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 50वें दिन दिए गए भाषण का एक अंश है.)