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बेगुनाह खालिद मुजाहिद की हत्या पुलिस हिरासत में की गई

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : खालिद मुजाहिद की पुलिस हिरासत में हत्या की गई ऐसे में इस घटना की तत्काल सीबीआई जांच करवाकर दोषियों को दंडित करने की मांग सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने खालिद को न्याय दिलाने के लिए पिछले 55 दिन से चल रहे रिहाई मंच के धरने को संबोधित करते हुए कहा.

प्रकाश करात ने कहा कि पूरे देश में निर्दोष मुसलमानों को आतंकवादी होने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता रहा है और कई निर्दोष लोग आज भी देश की जेलों में आतंकवादी होने के आरोप में बंद हैं. कुछ युवक तो चौदह साल जेल की सजा काट लेने के बाद अदालत में निर्दोष साबित हुए. लेकिन जिन्होंने इन बेकसूरों को फंसाया आज तक उन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

Khalid Killed in Police custodyउन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के लोग फर्जी एनकाउंटरों पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं. पुलिस के इस अन्याय के खिलाफ देश की जनवादी ताकते लड़ रही रही हैं. उन्होंने कहा कि खालिद की हत्या दर्दनाक है उनको फर्जी तरीके से गिरफ्तार किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गयी.

हमारे देश में आईबी, सेक्योरिटी एजेंसी, एटीएस और सेक्योरिटी एजेंसी के लोग बेलगाम तरीके से काम कर रहे हैं. वे आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. हमारे पास इस बात के उदाहरण हैं. इस खतरनाक माहौल में यह ज़रुरी है कि इन एजेंसियों को संसद के प्रति जवाबदेह बनाया जाए. उनकी देख रेख के संसदीय कमेटियां बनाई जाएं. उन्हें गृह मंत्रालय के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम प्रतिनिधिमंडल लेकर राष्ट्रपति से मिले थे और न्यायालय ने खुद कहा है निर्दोष लोगों को फर्जी तरीके से फंसाने वालों पर कार्यवाई हो, पीडि़तों को मुआवजा दिया जाए, पीडि़तों का पुर्नवास हो यह सरकार की जिम्मेदारी है. छह माह बीतने पर भी उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया. सरकार ने कोई कार्यवाई नहीं की. सेक्यूरिटी एजेंसी के लोग बेलगाम हो चुके हैं.

उन्होंने कहा कि मालेगांव का उदाहरण हमारे सामने है. जहां निर्दोषों को लंबे समय तक जेल में रखा गया. श्री करात ने कहा कि निर्दोषों का पुर्नवास बहुत ज़रुरी है. उन्होंने कहा कि खालिद की हत्या के पहले हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिले थे, उन्हें छह नाम भी दिए थे और कहा था कि इन्हें अदालतों ने बरी किया है. इनके पुनर्वास की गारंटी की जाए, इन्हें फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए. जिन्होंने नौजवानों के जीवन को खत्म कर दिया उन पर कार्यवाई हो. लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी यूपी सरकार ने कुछ भी नहीं किया.

उन्होंने मौलाना खालिद मुजाहिद के मामले की तुरंत सीबीआई जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच में जो दोषी मिलें उन पर तुरंत कार्यवाई हो. उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि सीबीआई भी इसकी जांच से भाग रही है.

प्रकाश करात ने कहा कि खालिद मुजाहिद मामले पर एक जांच आयोग भी बना था जिसने साफ किया है कि उनकी गिरफ्तारी फर्जी है लेकिन सरकार ने उस पर कोई कार्यवाई नहीं की. अहमदाबाद, दिल्ली, हैदराबाद हो या लखनऊ हर जगह लोग सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंकवाद से निपटने के नाम पर किए गए फर्जी गिरफ्तारियों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं.

सीपीएम महासचिव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यूएपीए जैसे कानून को तुरंत खत्म किया जाए, यह बेहद खतरनाक कानून है. यह कानून व्यक्ति को हिरासत में लेने मात्र से ही दोषी मान लेता है. हमने इसे लागू करते वक्त ही देश के गृहमंत्री पी चिदंबरम से कहा था कि इस कानून का गंभीरता से समीक्षा की जाए. हमने इस कानून को लागू किए जाने के वक्त इसका विरोध भी किया था. तीन बार तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम से भी मिले और कहा कि आप संसोधन करके वापस पोटा को ला रहे हैं. लेकिन हमारे विरोध के बावजूद सरकार ने उसमें संशोधन कर दिया इस कानून का बहुत दुरपयोग हो रहा है.

उन्होंने कहा कि जो असली आतंकवादी हैं उन्हें पकड़ा जाए निर्दोषों को नहीं, ताकि नागरिकों के बुनियादी अधिकार सुरक्षित रहें. उन्होंने आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों की रिहाई को लेकर चलाए जा रहे रिहाई मंच की सभी मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस पर तत्काल कार्यवाई करे.

धरने के समर्थन में दिल्ली से आई पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) की अनुष्का ने कहा कि जिस तरीके से रिहाई मंच पिछले 55 दिनों से खालिद मुजाहिद को न्याय दिलाने के लिए लखनऊ विधानसभा धरना स्थल पर बैठा है वो इस बात का सबूत है कि जनता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ रही है पर सरकारें इन मुद्दों को हल नहीं करना चाहती हैं.

उन्होंने आतंकवाद और माओवाद के नाम पर फंसाए गए दर्जनों बेगुनाहों का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकारें अब खुलेआम जनता के संविधान द्वारा प्राप्त हकों पर डाके डाल रही हैं. यहां तक कि जो मानवाधिकार और लोकतंत्रवादी संगठन इन सवालों को उठाते हैं उन पर भी राज्यद्रोह जैसे मुकदमें लादकर जेलों में डाला जा रहा है. लेकिन अब जनता भी अपने अधिकारों को बचाने की लड़ाई के लिए तैयार हो रही है, रिहाई मंच का 55 दिनों से आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम युवकों की रिहाई के लिए चल रहा यह धरना इसका प्रतीक है.

रमजान के पाक महीने में चल रहे इस धरने के दौरान आज रिहाई मंच के मंच पर ही सूफी उबैदुर्रहमान की इमामत में वहां उपस्थित मुस्लिम समुदाय ने नमाज़ अदा की. बाराबंकी से आए सूफी उबैदुर्रहमान ने कहा रिहाई मंच का मुसलसल 55 दिनों से चल रहा धरना इस्लामी तारीख की इंसाफ की जंग को ताजा करता है कि जुल्म और जालिम के खिलाफ हमनें हर दौर में लड़ा है और जब आज आईबी इस जम्हूरियत को तबाह करने पर आमादा है तब हम दुआ करते हैं कि उनके नापाक मंसूबों को अल्लाह तआला ध्वस्त करे. खालिद के इंसाफ की जंग में जिस तरीके से हिंदू-मुस्लिम एक साथ रिहाई मंच के साथ खड़े हैं वो साफ कर रहा है कि इस मुल्क में सांप्रदायिक ताकतों का नहीं बल्कि मिल्लत का राज होगा.

रिहाई मंच के प्रवक्ताओं ने बताया कि धरने स्थल पर हमें डाक के ज़रिए नैनी सेंन्ट्रल जेल में अण्डा बैरक में बंद सहारनपुर के डाक्टर इरफान का पत्र मिला है. रिहाई मंच इस पूरे मसले पर गंभीरता से उठाएगा.

धरने का संचालन मोहम्मद आरिफ ने किया. धरने को इंडियन नेशनल लीग के कौमी सदर मोहम्मद सुलेमान, रिहाई मंच के इलाहाबाद के प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह, देवेश यादव, रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब, ताहिरा हसन, पूर्व विधायक राम लाल, मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारुकी, मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे, पीसी कुरील, एहसानुल हक मलिक, मो0 समी, शिब्ली बेग, हरे राम मिश्रा, बाराबंकी से अब्दुल रशीद, रामसिंह यादव, एखलाख चिश्ती, डा0 अली अहमद कासमी, संजय विद्यार्थी, सैयद मोईद, फैज, केके वत्स, शाहनवाज आलम और राजीव यादव इत्यादि ने संबोधित किया.

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