BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: क्या सोनी सोरी के इस पत्र को पढ़ने की हिम्मत आपके अंदर है?
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > क्या सोनी सोरी के इस पत्र को पढ़ने की हिम्मत आपके अंदर है?
IndiaLatest NewsLead

क्या सोनी सोरी के इस पत्र को पढ़ने की हिम्मत आपके अंदर है?

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published July 5, 2013
Share
10 Min Read
SHARE

शनिवार दिनांक 8/10/2011 को रात में दंतेवाड़ा का पुराना थाना के ही बगल में नया थाना बना है उसी नया थाना भवन में प्रताड़ना किया गया है.

रात में मैं सोई थी दो लेडीज पुलिसकर्मी मुझे उठाये है. मैंने पूछा क्यों जगा रहे हो, कहने लगे एसपी अंकित गर्ग साहब आये हैं.

मुझे दूसरे रूम में ले गये. उस रूम में एसपी अंकित गर्ग और किरन्दूल थाने का एसडीपीओ भी बैठा हुआ था. .

मुझे उस रूम में बिठाया गया. साथ में कुछ समय तक लेडिज पुलिसकर्मी थे. कुछ देर बाद उन दोनों लेडीज को रूम से बाहर आने को कहा और कहा कि यहां पर जो कुछ भी हो रहा है. इस बात को किसी से नहीं कहोगे. यदि ऐसा हुआ तो तुम लोग के साथ क्या कर सकता हूँ. तुम लोग अच्छी तरह जानते हो.

वो दोनों ने कहा- जी सर! हम किसी से कुछ नहीं कहेंगे. ठीक है जाओ ऐसा कहा है. फिर मानकर आरक्षक और वसंत को बुलाया. कहने लगा मानकर तुम डरना मत मैं हूँ ना. ये मदर सौद तुम्हारा क्या बिगाड़ेगी. मादर सौद तुम जानना चाहोगी ये प्लान हमने बनाया था जो कामयाब होते नज़र आ रहा है.

मानकर को कहने लगे- बेटा तुम बहुत ही बहादुरी का काम किया. तुमसे मैं बहुत खुश हूँ. मदर सौद मैं कौन हूँ? एसपी अंकित गर्ग हूँ. जो पहले बीजापुर में था अब बहुत जल्द एसपी से बड़ा रेंज का अधिकारी बनने वाला हूँ. टेबल बजाकर कहने लगा सबकुछ यहां से होता है. हम जो कहेंगे वही होगा. शासन प्रशासन सरकार यह है. समझी मादर सौद…

मानकर को तुम क्या बदनाम करोगे. उसे तो अब प्रमोशन मिलेगा. काफी देर तक गन्दी गन्दी गाली देकर मानसिक रूप से प्रताडित किया. कई गालियों को मैंने पहले खत में जिक्र किया है. शायद आपको वो खत प्राप्त हुई होगी. पूरी बातें खत पर बयान नहीं कर सकती. कुछ कागजों में साइन करने को कहा. कुछ बातों को लिखकर देने को कहा. जब मैंने मना करने लगी तो कड़क बातों से दबाव डाला. फिर भी मैंने इंकार करने लगी तब करेंट सार्ट पैर कपड़ा में देने लगे .

कुछ देर के लिये रोक दिया और कहने लगा हम जो कह रहे हैं, वो करो. इसी में आपकी भलाई है. तुम बच जाओगी समझी. हिमाँशु, स्वामी अग्निवेश, प्रशांत भूषण, कोलिन, लिंगाराम, कविता श्रीवास्तव, मेधा पाटेकर, अरुंधती राय, नंदनी सुन्दर, मनीष कुंजम, रामा सोडी, एस्सार कंपनी का मालिक ये सबके नाम से लेटर लिखकर दो, ये सब नक्सली समर्थक हैं.

मैं और लिंगा दिल्ली तक यहाँ की हर ख़बर देते थे. जो मैं जानती हूँ ये लोग बुलाने पर मैं दिल्ली गई थी. एस्सार कंपनी के अधिकारी नक्सली तक रूपये पहुचानें के लिये हमेशा मनीष कुंजम, रामा सोडी और मुझे देते थे. इस तरह से हमलोग नक्सली का मदद करते थे. बहुत सारे बाते हैं. इस तरह का खत लिखने को कहा. जो मैं लिखकर नहीं दी. ना ही उनके लिखा कागज पर साइन भी नहीं किया.

मदर सौद हमारे लिखित कागज में साइन कर बहुत ही दबाव डाले. मैंने कहा आप जान ले लो पर मैं जो गुनाह की नहीं और जिन लोगों के बारे में कह रहे हो. वो भी नहीं करूंगी. मैंने कहा इससे अच्छा मार दो. कहने लगा ये भी कर लेते पर नहीं कर सकते क्योंकि तुम्हें दिल्ली से अरेस्ट किया गया है. अब तुम मेरी बात नहीं मान रही हो तो सजा देकर ही जेल में भेजेंगे, ताकि शर्म से जेल की दीवारों में अपना सर पटक कर मर जाओगी. शिक्षित महिला हो इतनी शर्म को तो लेकर जी तो नहीं पाओगी.

इस तरह का बातें कहा और फिर करंट सार्ट देने को कहा. करंट सार्ट दे देकर मेरे कपड़े को उतराया गया. नंगा करके खड़ा रखा. एसपी अंकित गर्ग कुर्सी में बैठकर हमें देख रहा था. शरीर को देख देखकर गन्दी गन्दी गालियां देकर बेइज्जत किया. कुछ देर बाद बाहर निकला और कुछ समय बाद फिर तीन लड़के को भेजा. वो लडके उल्टी सीधी हरकते करने लगे और धक्का देने पर गिर गई. फिर मेरे शरीर में बेदर्दी के साथ डाला गया. सह नहीं पाई. बेहोशी की हालात में थी. काफी देर बाद होश आया तो मैंने अपने आपको जिस रूम में सोई थी वहां पाई.

तब तक सुबह हो चुका था. रविवार दिनांक 9/10/2011 उस दिन भर दर्द को अंदर ही अंदर सहती रही. किससे कहती. वहाँ पर मेरा अपना कोई था ही नहीं. सोमवार दिनांक 10/10/2011 को सुबह लेडीज पुलिस हमें कहने लगी फ्रेश हो जाओ तुमको कोर्ट ले जाना है. तब मैंने कहा- मेडम मुझे चक्कर आ रहा है. मेरी हिम्मत नहीं हो रही है. कुछ देर रुक जाओ. कहने लगी- तुम्हें जल्दी तैयार होने को बोले हैं. नहीं तो हमें गाली पडेगा. तब मैंने कहा एक कप चाय पीला दीजिये जिससे मैं हिम्मत कर सकूं. चाय पीया और धीरे धीरे बाथ रूम तक गई कुछ देर बाद चक्कर आया तो गिर गई.

मैं पहले से ही बाथरूम तक जाने लायक नहीं थी. फिर भी दबाव डालकर बाथरूम में प्रवेश होने के लिये भेजा गया. शायद ये लोग अच्छी हालात बनाकर मुझे कोर्ट न्यायालय में ले जाना चाहते थे. पर ऐसा नहीं हुआ बाथरूम में गिरते ही बेहोश हो गई. फिर दंतेवाड़ा थाना से निकालकर दंतेवाडा अस्पताल में ले गये काफी देर बाद मुझे होश आया.

होश आने के बाद दर्द और ज्यादा बढ गया. ना सो सकी ना बिस्तर से उठ सकी. पूरी तरह घायल हालात में थी. प्रताडना का जिक्र किसी से उस वक्त नहीं किया. मुझे धमकी दिया गया था. फिर भी कोशिश करती रही कि मौका देखकर मेरे ऊपर किया गया प्रताड़ना के बारे में बताऊ. पुलिसकर्मी तो हर पल मेरे साथ थे. फिर मुझे दंतेवाडा अस्पताल से करीब दो बजे गाड़ी के बीच सीट में सुला कर कोर्ट में लाया गया. बहुत देर तक कोर्ट न्यायालय के बाहर ही रखे. न्यायालय के अंदर नहीं ले गये. और एसडीपीओ न्यायालय के अंदर से कागजात लेकर आया और कहने लगा इसमें साइन करो.

मैंने कहा- सर मैं कुछ जज के सामने बयान देना चाहती हूँ. तब कहने लगा ये सब बाद में होगा. ये सब कागजात तुम्हें जेल भेजने के लिये है. साइन करो. क्या करती… इससे अच्छा तो जेल जाना ही ठीक है. सोचकर साइन कर दिया. जज मेडम बैगेर देखे सुने हमे जेल भेज दिया. बहुत देर बाद कोर्ट से फिर दंतेवाडा थाना में लाए. दो व्यक्ति पहले से ही थाने में मौजूद थे. इतनी परेशानी होने के बाद भी वो दोनों व्यक्ति हमें पूछताछ कर रहे थे कविता श्रीवास्तव के बारे में. मैंने कहा मेरी हालात ठीक नहीं है. इस वक्त मैं बात करने योग्य नहीं हूँ. मुझे ज़बरदस्ती ना करे.

तब तक रामदेव मेरा भाई परिवार के साथ थाना आया और कहने लगा मेरी दीदी को इधर क्यों लाए हो. कोर्ट ने तो जेल ले जाने की परमिशन दिया है. तब तुरंत जगदलपुर के लिये रवाना किये. जगदलपुर सेन्ट्रल जेल में शाम को करीब 7-8 बजे पहुंचे. मेरी हालात देखकर जेल वाले ने दाखिला नहीं दिया.

फिर दंतेवाडा का ही गार्ड हमें जगदलपुर अस्पताल में भर्ती किया. इलाज होता रहा. मंगलवार दिनांक 11/10/2011 को जगदलपुर का डॉक्टर रायपुर के लिये रेफर किया. शाम को जगदलपुर अस्पताल से करीब 10-11 बजे रायपुर के लिये निकले. रायपुर में बुधवार दिनांक 12/10/2011 सुबह पहुंचे. रायपुर अस्पताल में भर्ती किया गया. इलाज होता रहा. रायपुर का गार्ड ज़बरदस्ती डॉक्टर से कहकर हमें उसी दिन शाम को करीब 8-9 बजे सेन्ट्रल जेल रायपुर में ले आये.

हमने बहुत कोशिश किया कि सर हमें तकलीफ है. इलाज होने दो. फिर भी जबरन ले आये और कहने लगे लाल गेट को दिखते ही अपने आप ठीक हो जाओगे ऐसे कहे है. चलने योग्य भी नहीं थी बड़ी तकलीफों का सामना करते हुए जेल की गेट को प्रवेश किया.

स्व हस्ताक्षरित

प्रार्थी
श्रीमती सोनी सोरी (सोढ़ी)

letter of soni sori

994821_672617692752684_1185429200_n

TAGGED:letter of sony suri from jail
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts
World Heritage Day Spotlight: Waqf Relics in Delhi Caught in Crossfire
Waqf Facts Young Indian
India: ₹1,662 Crore Waqf Land Scam Exposed in Pune; ED, CBI Urged to Act
Waqf Facts

You Might Also Like

EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
Latest News

Urdu newspapers led Bihar’s separation campaign, while Hindi newspapers opposed it

May 9, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?