Ahmad Ansari for BeyondHeadlines
ये लाशे इंसानों की नहीं हैं. ये लाशे हैं कुत्तो की… ये वो कुत्ते हैं जो 2002 में मोदी के कार के पहियों के नीचे आ गए थे और इस अंधे, गूंगे, बहरे और लंगड़े ड्राईवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश नहीं की, बल्कि कुचलता चला गया इन कुत्तों को. उसे ज़रा भी एहसास नहीं था कि कुत्ते भी आखिर जानवर होते हैं और जानवर को मारना पाप है! लेकिन अगर यह ड्राईवर इन्सान हो तो समझे इन्सान की संवेदना!
कुल दो हज़ार कुत्तो को कुचल डाला इस मोदी ने. गुजरात की सड़को पर चारों तरफ कुत्ते ही कुत्तों की लाशें बिखरी थी. इन कुत्तों को भौंकने का मौका भी नहीं दिया गया था! इन कुत्तों की माँ और बहन को भी दौड़ा-दौड़ा कर कुचला गया था! घरों से निकाल-निकाल कर कुचला गया था! कुचलने के बाद इन कुत्तों के घरों को भी आग लगा दिया गया! इन कुत्तों के घरों, दुकानों और प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा कर लिया गया!
और अब वही अंधा, गूंगा, बहरा और लंगड़ा कार का ड्राईवर अब उन्हीं कुत्तों से माफ़ी मांगने के बजाये उन्हीं कुत्तों को रमज़ान की मुबारकबाद देता है! उन्हीं कुत्तों के आगे वोट मांगने के लिए हाथ फैलाता है! और कहता है कि मुझे प्रधान मंत्री बना दो! लेकिन इस ड्राईवर को यह नहीं पता कि इस हिन्दुस्तान में रहने वाले 35 करोड़ कुत्ते गुजरात के कुत्ते नहीं हैं!
अभी तक इस ड्राईवर ने सिर्फ इन कुत्तों की चाल देखी है, जो गलती से इसके कार के नीचे आ गए थे! अभी इसने इन कुत्तों की वो ज़हरीले दांत नहीं देखे! बहुत ज़हर है इन कुत्तों के दांतों में! अब ये कुत्ते 2014 में इसकी कार के नीचे नहीं आने वाले… अब झपटेंगे इसकी ड्राइविंग सीट पर! और अपना ज़हर दिखायेंगे!
यह प्रधानमंत्री की कुर्सी कोई चिडिया घर की पंचायत की कुर्सी नहीं! यह उस देश की कुर्सी है जिस देश में एक अरब इक्कीस करोड़ लोग रहते हैं! ये उस देश की कुर्सी है जिस देश में दो हज़ार विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं! यह उस देश की कुर्सी है जिस देश में दर्जनों धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं! अलग-अलग रीति रिवाज हैं… अलग-अलग परम्पराएं हैं… इस देश की कुर्सी पर कुत्तों को कुचल कर नहीं बैठा जा सकता… बल्कि कुत्तों को अपनी कार में जगह देनी पड़ेगी अपने साथ इन कुत्तों को भी लेकर चलना पड़ेगा!
एक पागल कुत्ता
अहमद अंसारी
(यह लेखक के अपने विचार हैं.)