India

आरटीआई ने खोली पोल कि कैसे यूपी में पीटा जा रहा ढ़ोल?

Urvashi Sharma for BeyondHeadlines 

लखनउ : 14 फरवरी 2012 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने राज्य विधान मंडल के एक साथ दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा था “बेरोजगारी भत्ता,कन्या विद्या धन, निः शुल्क लैपटॉप व टेबलेट दिए जाने की महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ हो चुकी है. लाखों लोगों को बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्या धन उपलब्ध कराने के आलावा ‘हमारी बेटी उसका कल’ योजना के तहत हजारों बच्चियों को लाभान्वित किया जा चुका है. साथ ही ‘पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां’ योजना भी लागू की गयी है. ”

up-cm-akhilesh-yadav-launches-free-laptop-scheme-for-studentsराज्यपाल महोदय को अपने अभिभाषण द्वारा प्रदेश को इन सरकारी योजनाओं की उपलब्धियों की तथ्यपरक एवं स्पेसिफिक जानकारी देना चाहिए एवं राज्यपाल सचिवालय को सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण के ड्राफ्ट को सत्यता की कसौटी पर ज़रूर जांचना चाहिये था. दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका.

एक समाज सुधारिका होने के नाते मैं जनता के नजदीक रहती हूँ और मुझे सरकारी योजनाओं की हकीक़त आम जनों से मालूम भी होती रहती है. ज़मीनी हकीक़त कुछ अलग होने के अपने विचार को सत्यता की कसौटी पर परखने के उद्देश्य से मैंने दिनांक 22 फरवरी, 2013 को मुख्य सचिव कार्यालय के जन सूचना अधिकारी से दिनांक 15 मार्च, 2012 से 22फरवरी, 2013 तक की अवधि में लैपटॉप योजना, कन्या विद्या धन योजना और ‘पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां’ योजना आदि के लाभार्थियों की संख्या और व्यय की गयी धनराशि की सूचना मांगी.

मुख्य सचिव कार्यालय के निजी सचिव एवं जन सूचना अधिकारी चन्द्र प्रकाश ने 26 फरवरी, 2013 को मेरा पत्र माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन के जन सूचना अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया. माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन के उप सचिव एवं जन सूचना अधिकारी नीलिमा श्रीवास्तव ने 18 मार्च, 2013 को मेरा पत्र माध्यमिक शिक्षा निदेशक को स्थानांतरित कर दिया.

उप शिक्षा निदेशक सान्त्वना तिवारी ने अपने पत्र दिनांक 15 जुलाई, 2013 द्वारा लगभग पांच माह बाद मुझे सूचित किया है कि अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण से 22 फरवरी, 2013 तक कोई भी लैपटॉप नहीं बांटा गया. मात्र 1,03,207 छात्राओं को 309.62 करोड़ रुपये कन्या विद्या धन योजना के अंतर्गत वितरित हुए एवं मात्र 98 छात्राओं को 0.294 करोड़ रुपये ‘पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां’ के अंतर्गत वितरित हुए.

यदि राज्यपाल महोदय अपने अभिभाषण को अभिलेखों की कसौटी पर परखवा लेते तो शायद एक भी लैपटॉप न बांटे जाने पर भी लैपटॉप योजना प्रारंभ होना नहीं कहते क्योंकि कोई भी योजना लाभार्थियों तक पहुँचने पर ही प्रारंभ हुई कही जा सकती है अन्यथा नहीं.

राज्यपाल महोदय ने लाखों लोगों को कन्या विद्या धन उपलब्ध कराया जाना बताया जबकि राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के एक हफ्ते बाद भी इस योजना के लाभार्थी मात्र एक लाख थे न की लाखों… इसी प्रकार राज्यपाल महोदय ने ‘पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां’ योजना भी लागू होना अभिभाषित किया जबकि राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के एक हफ्ते बाद भी इतने बड़े प्रदेश में इस योजना के लाभार्थी मात्र 98 थे. क्या इतने बड़े प्रदेश में मात्र 98 लाभार्थी होने की जानकारी होने की दशा में भी राज्यपाल महोदय प्रदेश स्तरीय योजना को सरकार की उपलब्धि के रूप में बताते? शत प्रतिशत नहीं. कम से कम मैं तो ऐसा ही मानती हूँ.

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गरीबी रेखा के नीचे के और अंत्योदय कार्ड धारक परिवारों की प्रत्येक छात्रा को हाईस्कूल के बाद अपनी पढाई जारी रखने के लिये 30-30 हजार रूपये देने की घोषणा की थी. यह वित्तीय सहायता अन्य कार्यक्रमों से छात्राओं को मिल रही छात्रवृति और अन्य वित्तीय फायदों के अलावा थी. जिन छात्राओं ने किसी बोर्ड से 10वीं या समकक्ष परीक्षा पास की थी और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से थीं वे राज्य सरकार की “पढें बेटियां बढें बेटियां” योजना के तहत एक बार मिलने वाली इस वित्तीय सहायता का लाभ ले सकती थीं. इस योजना के तहत आवेदन की अंतिम तारीख तीस नवम्बर 2012 थी.

इस सम्बन्ध में संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान राज्यपाल महोदय को पत्र लिखकर उनसे आग्रह करेगा कि वे भविष्य में अपने अभिभाषण को सत्यता की कसौटी पर परखने के बाद ही उसे प्रदेश के समक्ष रखें ताकि वे सरकारी योजनाओं की ढोल की पोल जान सकें और सरकार के झूंठे महिमामंडन करने से स्वयं को बचा सकें.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]