BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : खालिद मुजाहिद के इंसाफ के लिए रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 50वें दिन देश के विभिन्न हिस्सों से अन्याय के खिलाफ न्याय के लिए चल रहे संघर्ष में लोगों ने एक सुर में आवाज़ उठाई कि यूपी की सपा सरकार तुरन्त मानसून सत्र बुलाकर निमेष कमीशन पर एक्शन टेकन रिपोर्ट लाते हुए खालिद के हत्यारे पुलिस व आईबी के अधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार करे.
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह को गोरखपुर धमाकों पर विस्तृत रिपोर्ट देते हुए कहा गया कि इस पूरे मामले की दोषपूर्ण विवेचना की गई जिसमें निर्दोष मुस्लिम युवकों को झूठा फंसाया गया है, ऐसा केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर किया गया, इसलिए आवश्यक है कि इस पूरे मामले की पुर्नविवेचना नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) द्वारा कराई जाए.
अनिश्चित कालीन धरने के 50वें दिन मुस्लिम अवाम ने संकल्प लिया के कल से शुरु हो रहे पाक रमजान के महीने में इस इंसाफ की जंग को मज़बूती से लड़ा जाएगा, इस मौके पर शहर के कई वरिष्ठ मौलाना हजरात की मौजूदगी में संकल्प लिया गया कि खालिद मुजाहिद की कातिल सपा के किसी नेता को मिल्लत अफ्तार पार्टियों में नहीं बुलाएगी और न ही सरकार की किसी अफ्तार पार्टी में शिरकत करेगी.
इसी मसले पर शहीद खालिद मुजाहिद के चचा जहीर आलम फलाही ने कहा की सभी पार्टियों ने हमारे बच्चों की कातिल हैं इसलिए मिल्लत यह संकल्प ले कि किसी भी सियासी पार्टी की अफ्तार पार्टियों में न शिरकत करे और न ही उन्हें आमंत्रित करें.
हैदराबाद से आए तेलंगाना समिति के सदस्य और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय महासचिव अलाउद्दीन अंसारी ने कहा कि हिन्दुस्तान की आजादी की लड़ाई में मुसलानों ने बढ़-चढ़ कर अपना खून बहाया लेकिन आज साठ साल बाद हमारे खून की कोई कीमत नहीं रह गई है और उसे आईबी, एटीएस, आरएसएस और सरकारें पानी की तरह बहा रही हैं.
हैदराबाद लखनऊ, अहमदाबाद हो या दिल्ली, सड़कों पर बहा हमारे निर्दोष बच्चों का खून इंसाफ मांग रहा है जिसे रोकने के लिए पूरा राज्य मशीनरी एक हो गया है. लेकिन हम लोकतंत्र पसन्द और सेक्यूलर लोगों के साथ मिलकर इंसाफ की यह जंग ज़रुर जीतेंगे.
उन्होंने कहा कि मैंनें बहुत पास से देखा है की मक्का मस्जिद हैदराबाद में किस तरह से मुसलमानों पर आतंकी होने का इल्जाम लगाया गया, आज हकीक़त सबके सामने है तो आखिर किसी आतंकी घटना होने के बाद मुस्लिमों को ही क्यों टारगेट किया जाता है. हमारे बच्चों की बात आती है तो पुलिस के मनोबल गिरने की दुहाई दी जाती है और जब भगवा दहशतगर्दों की बात आती है तो उन्हें बचाने में पूरी की पूरी सरकार लग जाती है.
रामपुर सीआरपीएफ कैंप में 31 दिसंबर 2007 की रात सीआरपीएफ कैंप के जवानों द्वारा शराब के नशे में धुत होकर आपस में की गई गोलीबारी की घटना जिसे आतंकी घटना का नाम दे दिया गया था में फंसाए गए कुंडा, प्रतापगढ़ के कौसर फारुकी के भाई अनवर फारुकी, बहेड़ी, बरेली के गुलाब खान के भाई कमल खान, रामपुर से पकड़े गए शरीफ के भाई शाहीन, मिलककामरु, मुरादाबाद के जंगबहादुर के लड़के शेर खान भी रिहाई मंच के धरने के 50वें दिन शामिल होते हुए मांग की कि जब दुनिया हकीकत जानती है कि रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हुई घटना कोई आतंकी घटना नहीं थी, तो सरकार क्यों नहीं सीबीआई जांच की हमारी मांग को मानती है.
रामपुर से ही इस प्रदेश की सरकार में रसूख रखने वाले मंत्री आज़म खान आते हैं पर आज तक इस बात पर वे कभी नहीं बोले. उन्हें अमेरिका में अपनी बेज्जती की बड़ी चिंता है पर आतंक के नाम पर जो ठप्पा लगाकर हमें दिन रात बेज्जत किया जा रहा है. हमारे परिजन जेलों में तिल-तिल कर जीने को मजबूर हैं उनकी कोई चिंता नहीं है.
शहीद खालिद मुजाहिद के चचा ज़हीर आलम फलाही ने कहा कि रिहाई मंच के इस धरने से मैं अपील करता हूं कि मुस्लिम उलेमा सत्ताधारी पार्टी के अफ्तार आयोजनों में न जाएं. उन्होंने कहा कि भले ही आज़म खान खालिद की हत्या पर एक लफ्ज़ न बोलें हों लेकिन रिहाई मंच और हम उनकी तरह बेगैरत नहीं हैं कि उनकी मां के इंतकाल पर खामोश रहें. हम इस मंच से उनके गम में शरीक होते हैं.
धरने के समर्थन में आईं लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रुपरेखा वर्मा, दिल्ली से आईं पत्रकार भाषा सिंह, नसीम इफ्तेदार अली, एपवा की ताहिरा हसन, शोभा सिंह ने कहा कि आतंक का जब कहर किसी परिवार पर गिरता है तो उसकी पहली शिकार घर की महिलाएं होती हैं, कभी किसी की मां, बहन तो कभी पत्नी.
हम रिहाई मंच के धरने के 50वें दिन पर मौजूद महिलाओं की इतनी बड़ी तादाद को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब यह लड़ाई घर से बाहर सड़क पर निकल गई है, जिसे यह भारी बरसात भी नहीं रोक पा रही है.
इंडियन नेशनल लीग की राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान और प्रदेश अध्यक्ष मो0 समी ने कहा कि आईबी की फिरकापरस्ती के खिलाफ रिहाई मंच के इस तारीखी धरने के इस बात को स्थापित कर दिया है कि अब मिल्लत इस मुल्क में आईबी के खिलाफ के मज़बूत गोलबंदी को तैयार है. हमारी पार्टी इंडियन नेशनल लीग शुरु से ही रिहाई मंच के साथ रही है और हम अंतिम दम तक इस जंग को लड़ेगे.
सोशलिस्ट फ्रंट के मोहम्मद आफाक और भारतीय एकता पार्टी के सैय्यद मोईद ने कहा कि कि रिहाई मंच के इस इंकलाबी धरने को रमजान के पाक महीने में भी चलाया जाएगा.
मुस्लिम मजलिस के नेता जैद अहमद फारुकी ने कहा कि यह तारीखी आंदोलन जम्हूरियत की पटरी से भटक गए भारतीय सियासत को फिर से पटरी पर लाएगा और मुल्क में वास्तविक लोकतंत्र स्थापित करने के लिए इसे हमेशा याद किया जाएगा.
पूर्व विधायक कालीचरन, भागीदारी आंदोलन के नेता पीसी कुरील, भवरनाथ पासवान, एहसानुल हक मलिक और शिवनारायण कुशवाहा ने कहा कि बेगुनाह मुस्लिम नौजवनों का सवाल सत्ता में वंचित तबकों की भागीदारी से जुड़ा हुआ है, जब तक सत्ता में मुसलमान इसाई, दलित, आदिवासी वंचित तबके नहीं पहुंचेगे तब तक यह जुल्म नहीं मिटेगा. हमें इस आंदोलन को और तीखा करना होगा.
मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे, सोशलिस्ट पार्टी के ओमकार सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी जो लोहिया की असली वारिस वो रिहाई मंच के इस आंदोलन में हमेशा साथ रहेगी.