बटला हाउस हत्याकांड का सच छिपाने के लिए राजेंद्र कुमार को बचा रही केंद्र सरकार

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BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी, निमेष आयोग की रिपोर्ट पर तत्काल अमल करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की रिहाई की मांग को लेकर 22 मई से चल रहा रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को भी जारी रहा. आज धरने पर शिवदास प्रजापति उपवास पर बैठे.

UPA govt is saving IB officer Rajendra Kumar to hide the reality of Batla fake encounterरिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने बताया कि धरने के पचासवें दिन यानी 10 जुलाई को धरने में वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमडि़या, हस्तक्षेप.कॉम के संपादक अमलेंदू उपाध्याय, गुजरात में हुए फर्जी मुठभेड़ों के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले अधिवक्ता शमशाद पठान, तेलंगाना समिति के सदस्य और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय महासचिव अलाउद्दीन अंसारी, आईएनएल के राष्ट्रीय प्रवक्ता एससी महरोल, आईएनएल के प्रदेश महामंत्री राम सिंह यादव, शहीद खालिद मुजाहिद के चचा ज़हीर आलम फलाही, तारिक कासमी के चचा हाफिज फैयाज अली, और मीडिया स्टडीज ग्रुप से जुड़े पत्रकार विजय प्रताप व अवनीश राय आदि शिरकत करेंगे.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने खालिद के न्याय के लिए चल रहे संघर्ष के 50वें दिन अन्याय के खिलाफ न्याय के लिए चल रही इस जंग में अवाम से बड़ी तादाद में शिरकत करने की अपील की है.

रिहाई मंच के 49वें दिन के धरने को संबोधित करते हुए रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आईबी अधिकारी राजेंद्र कुमार के खिलाफ ठोस सुबूत मिले हैं. इसके बावजूद केंद्र सरकार खुफिया विभाग के अधिकारी राजेंद्र कुमार को बचाना चाहती है क्योंकि यूपीए-एक में हुए बटला हाउस फर्जी मुठभेड़ में भी उनकी भूमिका आपराधिक षडयंत्र रचने की थी. अगर इशरत जहां मामले में राजेंद्र कुमार गिरफ्तार होते हैं तो बटला हाउस फर्जी मुठभेड़ का यह सच भी जनता के सामने आ जाएगा कि किस तरह देश में असुरक्षा का माहौल बनाकर मुसलमानों की छवि बिगाड़ने के लिए उसने बटला हाउस में आज़मगढ़ के दो निर्दोष नौजवानों को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बताकर हत्या करा दी.
उन्होंने कहा कि अगर राजेंद्र कुमार से सही से पूछताछ की जाए तो यह राज भी खुल जाएगा कि किस तरह आईबी ही इंडियन मुजाहिदीन नाम के फर्जी आतंकी संगठन का संचालन करती है.

इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि बोधगया मामले में एक संदिग्ध व्यक्ति विनोद मिस्त्री के पकड़े जाने और उसके पास से संदिग्ध वस्तुओं के मिलने के बावजूद खुफिया एजेंसी मीडिया के एक सांप्रदायिक हिस्से के माध्यम से लगातार इस घटना के पीछे मुस्लिम नौजवानों और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों को उछालकर जांच की दिशा को भटकाने की कोशिश कर रही है और भाजपा भी उसके सुर में सुर मिला रही है. इससे साबित हो जाता है कि आईबी और संघ परिवार ने ही मिलकर इस घृणित कार्य को अंजाम दिया है. लेकिन जिस राजनैतिक उद्देश्य से बोधगया मंदिर पर हमले करवाए गए हैं, वो पूरा नहीं होंगे क्योंकि मालेगांव, समझौता एक्सप्रेस, बटला हाउस समेत सादिक जमाल मेहतर और इशरत जहां मामले में आईबी और संघ गिरोह की आपराधिक और सांप्रदायिक भूमिका उजागर हो जाने के बाद जनता समझदार हो गई है.

इस मौके पर अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता असद हयात ने कहा कि मालेगांव और बोधगया, इशरत जहां एनकाउंटर में केंद्रीय एजेंसियों की संलिप्तता पर हम बार-बार जो उंगली उठा रहे हैं, उसका कारण यह है कि उत्तर प्रदेश में हुए बम धमाकों और कई फर्जी एनकाउंटर के मामलों के पीछे भी इन्हीं एजेंसियों की संलिप्तता है. परंतु उन मामलों में झूठी कहानियां और सुबूत गढ़कर मुसलमान निर्दोष लड़कों को फंसा दिया गया है और रिहाई मंच ऐसे मामलों की एजेंसियों द्वारा की गई विवेचनाओं का गहन अध्ययन कर रहा है और भविष्य में उनका खुलासा करेगा जिससे निर्दोष मुसलमान युवकों को न्याय मिल सके और असल अपराधी पकड़े जाएं.

मुस्लिम मजलिस के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता जैद अहमद फारुकी ने कहा कि असली आतंकवादी वह है जो अदालतों के हुक्म की नाफरमानी करे, संसद की गरिमा के साथ खिलवाड़ करे, बिना वजह किसी समुदाय को डराए, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की गारंटी उच्चतम न्यायालय को देने के बाद उसको पूरा न करने वालों को किसी ने आजतक आतंकवादी नहीं कहा जबकि उपरोक्त कारणों से इनका आतंकवाद साबित होता है.

आज़मगढ़ से आए तारिक शफीक ने कहा कि बोधगया विस्फोट को लेकर जिस तरह कुछ अखबारों में फिर से आज़मगढ़ का मीडिया ट्रायल करते हुए इस घटना का तार आजमगढ़ से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं वह निंदनीय है और इसपर तत्काल रोक नहीं लगी तो रिहाई मंच और आज़मगढ़ की अवाम ऐसे सांप्रदायिक अखबारों के खिलाफ अभियान चलाएगा.

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से आए अनिल आजमी और मोहम्मद आरिफ ने कहा कि सूबे की जनता सपाई गुंडों के आतंक से त्रस्त है लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी पत्नी के साथ अमेरिका घूमने में मस्त हैं. इतनी निकम्मी सरकार तो यूपी में कभी भी नहीं आई थी. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने हर तबके को, खासकर युवाओं को, धोखा दिया है जिसे 2014 में युवा सबक सिखाएंगे.

धरने का संचालन हरेराम मिश्रा ने किया. धरने में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद अफाक, राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के नेता पीसी कुरील, सैय्यद मोईद अहमद, कमर सीतापुरी, रिजवान, जुबैर जौनपुरी, अंकित चैधरी, फैज, पिछड़ा महासंघ के एहसानुलहक मलिक, हाजी फहीम सिद्दीकी आदि मौजूद रहे.

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