Himanshu Kumar
अंधविश्वासों से मुक्ति के लिए काम करने वाले तर्कशील सामाजिक कार्यकर्ता डाक्टर नरेन्द्र डाभोलकर की हत्या के सिलसिले में पुलिस हिंदुत्त्ववादी संस्था सनातन संस्थान के एक कार्यकर्त्ता संदीप शिंदे को पकड़ कर ले गयी है.
ये संदीप शिंदे वही लड़का है, जो सन् 2009 में स्कूटर पर बम ले जाते समय फटने के मामले में चर्चा में आया था. सनातन संस्था वालों ने मुसलामानों के खिलाफ माहौल बनाने के लिए खुद ही मन्दिर में बम रखा था, जिसे पुलिस ने बरामद भी किया. ये लोग और भी बम लगाने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ट्रैफिक जाम होने की वजह से देरी हो गयी थी और बम रास्ते में ही फट गया था.
ये वही सनातन संस्थान है जिसके साथ जेल में बंद साध्वी प्रज्ञा भारती, असीमानन्द और फौज के कर्नल पुरोहित के सम्बन्ध थे. और ये वही साध्वी और कर्नल असीमानंद हैं, जिन्होंने मालेगांव, समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद में धमाके करवाए. और ये वही साध्वी प्रज्ञा और असीमानंद हैं जिनके सम्बन्ध नरेन्द्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ रहे हैं.
इन हिंदुत्त्ववादी आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य मुसलमानों का हव्वा खड़ा करना, हिन्दुओं को डरा कर उनके वोट भाजपा की झोली में डलवाना और सत्ता पर कब्ज़ा करने का है.
इन्हें यह सब काम करने के लिए बड़ी बड़ी कम्पनियों से पैसा मिलता है, जिसके बदले में पार्टियां अपनी सरकार बनने के बाद आदिवासियों और किसानों की ज़मीनों को हडपने में, उनके गाँव जलाने में और महिलाओं से बलात्कार का काम करवाती हैं ताकि आदिवासी और किसान डरकर अपनी ज़मीने छोड़ कर भाग जाएँ और पार्टियां उनकी ज़मीनों को कम्पनियों को सौंप सकें ताकि इन कम्पनियों से लिए हुए पैसे का मोल चुकाया जा सके.
व्यापार, धर्म, आतंकवाद और देशप्रेम की इस खिचडी को समझिये. इसी रोशनी में अब दाभोलकर की हत्या, आसाराम के सामने सरकार का आत्मसमर्पण, सोनी सोरी पर सभी पार्टियों की चुप्पी के गूढ़ रहस्य पर से पर्दा उठाने की कोशिश कीजिये.