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भ्रष्टाचार और अन्याय का सरंक्षण सपा सरकार को डुबो देगा

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में फंसी सपा सरकार के नुमाइंदे जिस तरह कह रहे हैं कि अब डीएम और एलआईयू की रिपोर्ट पर जांच के बाद मामला सामने आएगा, तब रिहाई मंच सवाल करता है कि किस आधार पर अखिलेश यादव ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को सही ठहराया था. यहीं तक बात रुकी नहीं. मुख्यमंत्री के पिता मुलायम सिंह यादव भी अपने बेटे को बचाने के लिए बयान तक दे डाला.

Indefinite dharna to bring Khalid Mujahid's killers to justice completes 78 days.रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि ठीक इसी तरह मौलाना खालिद के मामले में बिना किसी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अखिलेश यादव ने खालिद की हत्या को स्वाभाविक मौत बता डाला. बात यहीं तक नहीं रुकी. उन्होंने सपा के दलाल नेताओं और उलेमा के माध्यम से भी हत्या को स्वाभाविक मौत ठहराने की कोशिश की. सच सामने न आ पाए इसलिए विभिन्न रिपोटों में फेरबदल करवाई और सीबीआई जांच से भागते रहे.

उन्होंने कहा कि जिस तरह न्याय को बाधित करने के लिए सपा सरकार किसी भी हद तक नीचे गिर रही है ऐसे में हम पिछले 78 दिन से इंसाफ के लिए विधानसभा पर बैठे हैं.

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव और हरेराम मिश्र ने कहा कि सपा सरकार द्वारा दलित लेखक कंवल भारती की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि यह सरकार अपने खिलाफ उठ रही किसी भी आवाज़ को किसी हद तक बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है. आखिर कंवल भारती ने गलत क्या कहा जो उन्हें हिरासत में लिया गया ?

उन्होंने वही बातें कही जो इस प्रदेश के परिदृश्य में सच हैं बेहतर होता कि अखिलेश उनकी टिप्पणियों को ध्यान से देखकर शासन में सुधार लाते, लेकिन उन्हें तो अपने लूट तंत्र के खिलाफ कोई टोका-टाकी भी बर्दाश्त नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सरकार आज अपने निकम्मेपन से उपजी सही आलोचना को बर्दाश्त करने को कतई तैयार नहीं है. जो सरकारें लोकतंत्र में आलोचना को सुनने की ताकत नहीं रखती उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. कंवल भारती जैसे गंभीर लेखक के पक्ष में इंसाफ पसन्द अवाम हमेशा खड़ी रहेंगी.

जैद अहमद फारूकी ने कहा कि ईद-उल-फितर के दिन अवाम हाथ में काली पट्टी बांध कर उत्तर प्रदेश की जालिम और बेगुनाह खालिद की हत्यारी सपा सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों का हिमायती होने का सबूत पेश करें.

उन्होंने कहा कि ईद के दिन रिहाई मंच के इंसाफ पसंद लोगों के साथ सभी लोग धरने पर बैठें. उन्होंने अपील की कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान ईद के दिन नये कपड़े न पहन कर सपा सरकार की वादा खिलाफी का विरोध करे. उन्होंने कहा कि अब न्याय के लिए यह ज़रूरी है कि मुसलमान सरकार के सामने अपनी जिन्दा दिली का एक सबूत पेश करे और रिहाई मंच द्वारा लड़ी जा रही इस लड़ाई में पूरी गर्मजोशी के साथ शामिल हो.

धरने को संबोधित करते हुए इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्म्द सुलेमान ने कहा कि आज के दौर में लोकतंत्र की मज़बूती के लिए यह ज़रूरी है कि अब बेगुनाहों की रिहाई तथा खालिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी तुरंत हो. चूंकि सपा सरकार ने जब यह निर्णय ले लिया है कि आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट स्वीकार है. तब इन आरोपी पुलिस अधिकारियों को पकड़ना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है.

निमेष आयोग ने तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद की विस्फोटक पदार्थों के साथ दिनांक 22 दिसंबर 2007 को बाराबंकी से की गयी गिरफ्तारी को संदिग्ध बताया है. सच्चाई यह है कि इन दोनों को दस दिन पूर्व उनके निवास स्थान से गैरकानूनी हिरासत में लिया गया था. सपा सरकार निमेष आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करना चाहती बल्कि इस मामले पर वो इस प्रदेश के मुसलमानों को गुमराह कर रही है. यह धरना इस देश के इतिहास में एक नई दिशा ज़रूर तय करेगा.

उन्होंने कहा कि अफसोस इस बात का है सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने संसद में यह सफेद झूठ बोला कि बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने रिहा कर दिया है. यह शर्म की बात है कि सपा का मुखिया ही जब संसद में झूठ बोल रहा है, उसकी सरकार से हम यह कैसे उम्मीद लगा लें कि वह हमें न्याय दे सकेगी. यह सरकार झूठी है और हमें इसके खिलाफ एक प्रतिबद्धता के साथ लंबी लड़ाई के लिए तैयार होना होगा.

धरने को संबोधित करते हुए डा. अली अहमद कासमी ने कहा कि बेगुनाह खालिद को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले ढाई माह से ज्यादा समय से चल रहे इस धरने को चलाने वाले लोगों के धैर्य को हम सलाम करते हैं. यह कितने शर्म की बात है कि सपा सरकार अंधी और बहरी होकर बैठ गयी है. दरअसल उसके पास आज मुसलमानों से किये गये वादों पर कोई जवाब ही नहीं है.

दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का तर्क बेहद ही बेहूदा है. सरकार मुसलमानों की भावनाओं के आड़ में अपने कुकर्मों पर परदा नहीं डाल सकती है. सरकार के डेढ़ साल के शासनकाल में ही इस प्रदेश में करीब पैंतीस बड़े दंगे हुए हैं जो यह साफ करते हैं कि सपा सरकार मुसलमानों की हमदर्द कतई नहीं है. इन दंगों में कई पुलिस अधिकारियों की भूमिका ही संदेहास्पद है और सरकार ने इन पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की यह बात किसी से छुपी नहीं है.

जनवादी समता पार्टी के अध्यक्ष संजय विद्यार्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है. सूबे में खालिद मुजाहिद की हत्या तथा गुजरात में इशरत जहां की हत्या ने यह साबित कर दिया है कि अखिलेश या मोदी सरकार का चेहरा एक जैसा है.

उन्होंने कहा कि यूपी में सीओ जिया-उल-हक की हत्या, सहारनपुर में सिपाही की हत्या, इलाहाबाद में थानेदार की हत्या, सुल्तानपुर झांसी तथा फैजाबाद में हुई पत्रकारों की हत्या एवं आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन ने यह साबित कर दिया है कि सपा सरकार स्वयं ही अपराधी है.

उन्होंने कहा कि रामपुर में मुस्लिम मदरसे में हुई तोड़-फोड़ के साथ इमारत के विध्वंस की घटना के मामले में सरकार की चुप्पी यह साबित करती है कि इस घटना में सपा सरकार के पालतू गुंडे ही शामिल थे. उन्होंने कहा कि लखनऊ में एक गुटखा फैक्ट्री के मालिक से पुलिस वालों ने दस लाख की लूट की और मामला खुलने पर सिपाहियों को केवल लाइन हाजिर किया गया. आखिर इन लुटेरों के खिलाफ किसके दबाव पर रिपोर्ट नहीं लिखी गयी. इस घटना से साफ हो चुका है कि कुछ खास पुलिस वाले सरकार की शह पर पूरे प्रदेश में लूट भय और गुंडा गर्दी का कारोबार चला रहे है.

सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव, लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि जंग-ए-आजादी के दौर में भी डरी हुई सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने के लिए भविष्य जैसे अखबार की लाखों प्रतियां जब्त कर लाहौर षड़यंत्र केस के शहीदों राजगुरू, सुखदेव, भगत सिंह की खबरों को रोकने की साजिश करती थी, ठीक उसी प्रकार आज कंवल भारती जैसे दलित लेखक द्वारा फेसबुक पर किये गये कमेंट के चलते उनके ऊपर मुक़दमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है. सरकार यह जान ले कि वह किसी को भी गिरफ्तार तो कर सकती है पर उसके विचारों को किसी हथकड़ी या जंजीर में नहीं जकड़ा जा सकता.

रिहाई मंच के प्रवक्ता ने बताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कंवल भारती की गिरफ्तारी के खिलाफ कल 8 अगस्त को विधानसभा धरना स्थल पर दिन में 1 से 2 बजे तक मुंह पर काली पट्टी बांध कर सपा सरकार का विरोध किया जाएगा. हम सभी इंसाफ पसन्द अवाम से अपील करते हैं कि कल इस विरोध में जरुर शिरकत करें.

धरने का संचालन फर्रुखाबाद से आए योगेन्द्र यादव ने किया. धरने में डा. अली अहमद कासमी, जनवादी समता पार्टी के अध्यक्ष संजय विद्यार्थी, रियाज अली, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, मोहम्मद सुलेमान, पिछड़ा समाज महासभा के एहसानुल हक मलिक, बब्लू यादव, शिव नारायण कुशवाहा, जैद अहमद फारूकी, भारतीय एकता पार्टी (एम) के अध्यक्ष सैयद मोईद अहमद, मौलाना कमर सीतापुरी, इरफान अहमद, वसीम हैदर, हरे राम मिश्र राजीव यादव सहित अनेक लोग गौजूद थे.

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